उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर सरकारी नौकरी हासिल कर ली. जानकारी के मुताबिक, आरोपी महिला का नाम शुमायला खान है. ये महिला साल 2015 से सरकारी टीचर की नौकरी कर रही थी. जैसे ही धोखाधड़ी का मामला सामने आया, शुमायला फरार हो गई. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई हैं और उसकी तलाश जारी है.
यूपी में फर्जी कागज दिखाकर टीचर बनी पाकिस्तानी महिला, अब कुछ अता-पता नहीं
पिछले साल इस बात का पता चल गया था कि कागजात फर्जी हैं. इसके बाद महिला को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था.

इंडिया टुडे से जुड़े कृष्ण गोपाल राज की रिपोर्ट के मुताबिक, शुमायला पाकिस्तान की रहने वाली है. उसने अपनी नागरिकता छुपाकर, भारत का एड्रेस प्रूफ और अन्य फर्जी कागजात बनवाए. इनके आधार पर उसने बेसिक शिक्षा परिषद के अंतर्गत आने वाले एक प्राइमरी स्कूल में सहायक टीचर की नौकरी पा ली. साल 2015 में शुमालया को बरेली के फतेहगंज वेस्ट थाने के माधोपुर प्राइमरी स्कूल में पोस्टिंग मिली.
इस दौरान उसने अपनी पाकिस्तानी नागरिकता को शिक्षा विभाग से छुपाये रखा. जब तहसीलदार सदर ने शुमायला के डॉक्टूमेंट खंगाले तो उन्हें इस फर्जीवाड़े का पता चला. उनकी जांच रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट हुई कि शुमायला ने फर्जी तरीके से अपना एड्रेस प्रूफ बनवाया है. उन्होंने ये जानकारी बेसिक शिक्षा परिषद को दी.
बेसिक शिक्षा परिषद ने एक्शन लेते हुए 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया और उसे सस्पेंड कर दिया. जब भारत सरकार ने 23 अप्रैल 2025 को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की मीटिंग के बाद वीजा रद्द करने का फैसला लिया तो पुलिस ने शुमायला की जांच शुरू की. तब पुलिस को उसके फरार होने की बात पता चली.
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SP मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि महिला की तलाश के लिए कई पुलिस टीमें बनाई गई हैं और बरेली से लेकर रामपुर तक छापेमारी की गई, लेकिन अभी तक शुमायला का पता नहीं चला है. उन्होंने बताया कि जांच जारी है, जल्द ही इस मामले में और जानकारी साझा की जाएगी.
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