Gwadar Airport Pakistan: पाकिस्तान ने इस साल जनवरी में बड़े जोर-शोर से न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया था. यह पाकिस्तान का सबसे नया और सबसे महंगा एयरपोर्ट है. इसे बनाने में सारा पैसा चीन का लगा है. इसकी कीमत 240 मिलियन डॉलर बताई गई है. पाकिस्तानी रुपये के हिसाब से ये कीमत 6708 करोड़ बनती है, जबकि भारतीय रुपये में लगभग 2081 करोड़ रुपये होते हैं. फिलहाल इस खूबरसूरत एयरपोर्ट पर न कोई प्लेन है और न ही कोई पैसेंजर. यह रहस्य बना हुआ है कि इस एयपोर्ट पर सही मायनों में आवाजाही कब से शुरू होगी.
पाकिस्तान में 6700 करोड़ की लागत से एयरपोर्ट बना, 4 लाख की कैपेसिटी, लेकिन कोई आता-जाता नहीं
जनवरी में Pakistan ने Gwadar Airport का उद्घाटन किया. ग्वादर शहर की आबादी 90,000 है, लेकिन इस एयरपोर्ट की क्षमता 4 लाख हवाई यात्रियों की है. बलूचिस्तान के इस एयरपोर्ट पर फिलहाल कोई प्लेन या हवाई यात्री नहीं है. आखिर ऐसा क्यों है?

ग्वादर एयरपोर्ट पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के तटीय शहर ग्वादर में बना है. चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत चीन, ग्वादर समेत बलूचिस्तान में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है. ग्वादर एयरपोर्ट भी इसी का हिस्सा है.
CPEC के तहत चीन ने बलूचिस्तान और ग्वादर में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिसका मकसद चीन के पश्चिमी झिंजियांग प्रांत को अरब सागर से जोड़ना है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्रोजेक्ट्स से ग्वादर में हालात बदलने के साफ संकेत नहीं मिले हैं. शहर आज भी नेशनल ग्रिड से नहीं जुड़ा है. यहां ईरान या सोलर पैनल के जरिए बिजली सप्लाई की जाती है. इसके अलावा ग्वादर में साफ पानी की भी किल्लत है.

4 लाख हवाई यात्रियों की क्षमता वाला यह एयरपोर्ट ग्वादर शहर की 90,000 आबादी के लिए इतना अहम नहीं है. पाकिस्तान-चीन संबंधों के जानकार और इंटरनेशनल रिलेशन एक्सपर्ट अज़ीम खालिद ने AP से कहा, "यह एयरपोर्ट पाकिस्तान या ग्वादर के लिए नहीं है. यह चीन के लिए है, ताकि वो अपने नागरिकों के लिए ग्वादर और बलूचिस्तान तक सुरक्षित पहुंच दे सके."
संसाधन-समृद्ध बलूचिस्तान में CPEC की मौजूदगी ने दशकों से चल रहे विद्रोह को बढ़ावा दिया है. बलूच अलगाववादी आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं. AP के अनुसार, अलगाववादियों का मानना है कि पाकिस्तानी सैनिक और चीनी हस्तक्षेप की वजह से स्थानीय बलूचों का शोषण हो रहा है. इस कारण वे सेना के लोगों और चीनी मजदूरों को निशाना बनाते हैं.
चीनी कामगारों और पाकिस्तानी के VIP लोगों को सुरक्षित तरीके से निकालने के लिए यहां हफ्ते में कई दिन, किसी भी समय सड़कें बंद कर दी जाती हैं. शहर के मछली बाजार को कवरेज के लिए बहुत संवेदनशील माना जाता है. खुफिया अधिकारी ग्वादर आने वाले पत्रकारों पर नज़र रखते हैं.

बलूचिस्तान अवामी पार्टी के जिला अध्यक्ष अब्दुल गफूर होथ ने AP से कहा कि ग्वादर के एक भी निवासी को एयरपोर्ट पर काम करने के लिए नहीं रखा गया, “यहां तक कि चौकीदार के तौर पर भी नहीं.”
ग्वादर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट तो बन गया है, लेकिन यह अभी भी देश के बड़े शहरों से सीधी फ्लाइट के ज़रिए नहीं जुड़ा है. ग्वादर के घरेलू हवाई अड्डे से कराची के लिए हफ्ते में तीन बार फ्लाइट मिलती है. ये दिलचस्प है कि हजारों करोड़ रुपये की लागत से बने एयरपोर्ट से बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा या पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के लिए सीधी फ्लाइट नहीं है.
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