भारतीय नेवी के चीफ दिनेश के त्रिपाठी ने पाकिस्तानी नेवी को लेकर अहम जानकारियां दी हैं. नौसेना प्रमुख ने बताया कि वो पाकिस्तानी नौसेना में हुई 'आश्चर्यजनक वृद्धि' से अवगत हैं (Pakistan Navy surprising growth). साथ ही ये भी कहा कि पाकिस्तानी नौसेना चीन के सपोर्ट से कई वॉरशिप बना रही है. नेवी चीफ ने ये भी कहा कि पाकिस्तान ने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुनने का फैसला किया है.
"पाकिस्तानी नौसेना की क्षमता में हैरतअंगेज इजाफा", भारतीय नेवी चीफ ने बताया कैसे?
एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने ये भी कहा कि पाकिस्तान अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को प्राथमिकता दे रहा है, और कई वॉरशिप्स का निर्माण कर रहा है.
एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने दावा किया कि चीन का समर्थन दर्शाता है कि वो पाकिस्तानी नेवी की क्षमताओं को मजबूत करने का इरादा रखता है. इंडिया टुडे से जुड़े मंजीत नेगी और शिवानी शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक एडमिरल त्रिपाठी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय नौसेना पड़ोसी देशों से आने वाले सभी संभावित खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अपनी रणनीतियों को ढाल रही है.
मीडिया से बात करते हुए एडमिरल त्रिपाठी ने बताया,
“हम पाकिस्तानी नौसेना में हुई आश्चर्यजनक वृद्धि से अवगत हैं. उनका लक्ष्य 50 जहाजों वाली सेना बनना है. उनकी अर्थव्यवस्था का हाल देखते हुए, ये बहुत आश्चर्यजनक है कि वो इतने सारे जहाज कैसे बना रहे हैं या खरीद रहे हैं. उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को चुनने का फैसला किया है.”
उन्होंने आगे कहा,
"चीन की मदद से पाकिस्तानी नौसेना के कई वॉरशिप और पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं, जो दर्शाता है कि चीन पाकिस्तानी नौसेना को मजबूत बनाने में रुचि रखता है. आठ नई पनडुब्बियां पाकिस्तानी नौसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगी, लेकिन हम उनकी क्षमताओं से पूरी तरह अवगत हैं."
एडमिरल त्रिपाठी ने आगे कहा कि इसलिए भारतीय नौसेना अपने पड़ोसियों से आने वाले सभी खतरों से निपटने के लिए अपने कॉन्सेप्ट्स में बदलाव कर रही है. एडमिरल ने कहा,
“हमारी नजरें एक्स्ट्रा-रीजनल फोर्सेज पर हैं. जिनमें चीन की PLA नेवी, उनके वॉरशिप, रिसर्च वेसल शामिल हैं. PLA नेवी कहां है, और क्या कर रही है, ये सब हमें पता है.”
एडमिरल त्रिपाठी ने साफ कहा कि ‘महासागर सभी के लिए खुले हैं’ और कोई भी इस क्षेत्र में ऑपरेट कर सकता है, जब तक कि वो हमारी सुरक्षा को प्रभावित नहीं कर रहे हों. नौसेना प्रमुख ने भारत की क्षमताओं पर भी बात की. कहा कि भारत के पास महासागरों में गतिविधियों की निगरानी के लिए एक स्थापित और प्रभावी स्ट्रक्चर है.
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