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'आतंकी पहने थे हेलमेट, उनपर लगे थे कैमरे और... ' शुरुआती जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं

Pahalgam Attack Preliminary Probe: तीन आतंकवादियों ने पर्यटकों को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया और फिर सभी महिलाओं और बच्चों को दूर रहने को कहा. फिर उनकी पहचान सुनिश्चित की गई और पुरुषों पर ही हमला किया गया. जांच में और क्या पता लगा है?

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शुरुआती जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं. (फ़ोटो- AP)

पहलगाम आतंकी हमले की शुरुआती जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं (Pahalgam Attack preliminary investigation). बताया गया कि आतंकवादी हेलमेट पहने हुए थे और उन हेलमेट्स में कैमरे लगे हुए थे. इन कैमरों से उन्होंने घटना की पूरी वीडियोग्राफ़ी की है. उन्होंंने अमेरिका निर्मित M4 कार्बाइन राइफलों और AK-47 से गोलीबारी की है.

इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से जानकारियां दी हैं. सूत्रों ने ये भी बताया कि तीन आतंकवादियों ने पर्यटकों को बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया और फिर सभी महिलाओं और बच्चों को दूर रहने को कहा. फिर उनकी पहचान सुनिश्चित की गई और पुरुषों पर ही हमला किया गया.

ये भी पता चला है कि आतंकवादियों ने कुछ बचे हुए पुरुषों को दूर से भी (स्नाइपर फ़ायर की तरह) गोली मारी. हमला क़रीब 20-25 मिनट तक चला. इंडिया टुडे ने शुरुआती जांच के हवाले से आगे बताया कि ख़ून ज़्यादा बहने के कारण कई लोगों की जान चली गई.

पहलगाम के जिस बैसरन इलाक़े में गोलीबारी हुई, वहां गाड़ियां नहीं जातीं. घोड़ों या अन्य साधनों से पर्यटक उस जगह पर पहुंच पाते हैं. ऐसे में सूत्रों का कहना है,

ऐसा लगता है कि अपराध स्थल को जानबूझकर चुना गया है. क्योंकि आतंकवादियों को पता था कि बचाव कार्य में समय लगेगा और इसलिए हताहतों की संख्या ज़्यादा होगी.

अधिकारियों ने शक जताया कि पश्तून भाषा बोलने वाले 2 पाकिस्तानी आतंकवादी और 2 स्थानीय इस घटना में शामिल हो सकते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, 22 अप्रैल की रात तक घटनास्थल से लगभग 50-70 इस्तेमाल किये हुए कारतूस बरामद किये गये थे. पता चला है कि केंद्र सरकार इस मामले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपने की योजना बना रही है.

NIA ने भी कई चश्मदीदों के बयान दर्ज किए और फ़ॉरेंसिक टीम ने गोलियों के खोल व नमूने लिये हैं. सूत्र ने कहा,

प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि आतंकवादियों ने किश्तवाड़ से सीमा पार की. फिर अपने स्थानीय गुर्गों की मदद से कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे. दो आतंकवादियों के पास M4 कार्बाइन राइफलें थीं. जबकि अन्य दो के पास AK-47 थीं.

इंडियन एक्सप्रेस के सूत्र के अनुसार, खुफिया एजेंसियों ने कुछ दिन पहले अलर्ट भेजा था. इसमें बताया गया था कि एक आतंकी समूह ‘गैर-स्थानीय लोगों’ पर हमले की योजना बना रहा है और IED हमले की संभावना है. लेकिन सूत्र ने कहा कि डिटेल्स स्पष्ट नहीं थे.

M4 कार्बाइन- हल्की और सटीक

M4 कार्बाइन एक अमेरिकन असॉल्ट राइफल है. इसे हथियारों की कंपनी कोल्ट ने मैन्युफैक्चर किया है. वही कोल्ट जिसके फाउंडर सैमुअल कोल्ट ने फेमस ‘कोल्ट रिवॉल्वर’ बनाई थी. ये एक हल्के वजन की राइफल है. अगर इसमें 30 गोलियों की मैगज़ीन लगा दें, तो भी इसका वजन 3.4 किलोग्राम से अधिक नहीं जाता. ऐसे में इसे दौड़ते हुए फायर करना भी आसान है. साथ ही, हल्का होने की वजह से स्थिरता मिलती है, जिससे निशाना चूकने की गुंजाइश कम रहती है.

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