जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी (Shubham Dwiwedi) की पत्नी ने उन्हें ‘शहीद’ का दर्जा देने की मांग की है. शुभम की पत्नी एशान्या ने कहा कि वह नहीं चाहतीं कि कोई शुभम को भूले. उन्होंने आगे कहा कि अगर शुभम को ‘शहीद’ का दर्जा मिलेगा तो हम सिर उठाकर जी पाएंगे. हम कह सकेंगे कि ‘हिंदू होने’ की वजह से मारे गए हैं. इस वजह से सरकार ने भी शहीद का दर्जा दिया है.
शुभम द्विवेदी के लिए पत्नी एशान्या ने मांगा 'शहीद' का दर्जा, वजह ये बताई है
कानपुर के शुभम द्विवेदी की 12 फरवरी को शादी हुई थी. वह अपनी पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे.
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रविवार, 27 अप्रैल को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी एशान्या ने कहा,
पुलवामा हमला हो या 26/11 का आतंकी हमला हो. लोग वक्त के साथ पीड़ितों के परिवार को भूल जाते हैं. कोई यह नहीं पूछता कि उनके परिवार आज किस हाल में जी रहे हैं. क्या कुछ सह रहे हैं? मैं और मेरा परिवार नहीं चाहते कि लोग शुभम को भूल जाएं. हम सरकार से यही मांग करते हैं कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए.
एशान्या ने आगे कहा,
अगर शुभम को शहीद का दर्जा मिलेगा तो हम सिर उठाकर जी पाएंगे. जब हम कहेंगे कि हिंदू होने के चलते जान दी, तो सरकार ने भी इसे स्वीकार कर सम्मान दिया. आतंकवादियों ने सबसे पहले शुभम को ही गोली मारी थी. उन्होंने कहा था कि अगर मुसलमान हो तो कलमा पढ़ो. हमने कहा कि हम हिंदू हैं.
उन्होंने कहा कि शुभम को नजदीक आकर सोच-समझकर गोली मारी गई थी, जिसके बाद लोग अलर्ट हो गए और भागने लगे. घरवालों को शुभम का चेहरा देखने का भी मौका नहीं मिला.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में कानपुर के शुभम द्विवेदी भी शामिल थे. इसी साल 12 फरवरी को शुभम की शादी हुई थी. वह अपनी पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ जम्मू-कश्मीर घूमने गए थे.
इस हमले की चौतरफा निंदा की गई. आतंकवादियों में पाकिस्तानी के शामिल होने की बात सामने आने के बाद भारत ने सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया. साथ ही वाघा अटॉरी बॉर्डर बंद कर दिया और पाकिस्तानी वीजा धारकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया.
वीडियो: पहलगाम के पहले और बाद के 2 बयानों का कनेक्शन, पाकिस्तान ने कश्मीर को लेकर क्या कहा?