22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terror Attack) में आतंकी हमला किया. इसमें 26 लोगों की जान चली गई. हर बार की तरह पाकिस्तान ने “हमें कुछ नहीं पता” कहकर पल्ला झाड़ लिया. ऐसा हमला जिस पर पूरी दुनिया ने शोक ज़ाहिर किया, उसे लेकर पाकिस्तान के सोशल मीडिया पर प्रोपेगेंडा (Pak Social Media Propaganda) चलाया जा रहा है. कुछ पाकिस्तानी यूज़र्स पहलगाम हमले के पीड़ितों, भारतीय सेना, पीएम नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाते भी दिखे.
पहलगाम के पीड़ितों का मजाक उड़ाया, फेक न्यूज़ फैलाई... पाकिस्तान के सोशल मीडिया में क्या चला?
Pakistan Social Media Propaganda: पाकिस्तान के कई सोशल मीडिया यूजर्स पहलगाम हमले के पीड़ितों, भारतीय सेना के जवानों और पीएम नरेंद्र मोदी का मज़ाक उड़ाते दिखे. वहां के सोशल मीडिया पर भारत विरोधी कैंपेन चलाने के लिए AI जनरेटेड वीडियो भी खूब इस्तेमाल किए गए.

इंडिया टुडे की OSINT टीम से जुड़े आकाश शर्मा ने सोशल मीडिया एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके पाकिस्तान में हैशटैग ट्रेंड का एनालिसिस किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ पाकिस्तानी यूज़र्स सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ “फॉल्स फ्लैग” (दूसरे पर दोष मढ़ना) कैंपेन चलाते दिखे. इसके लिए कई तरह के हैशटैग लगाकर भारत के खिलाफ ट्रेंड चलवाया गया.
ये हैशटैग कराए गए ट्रेंडरिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य हैशटैग था #IndianFalseFlag. यह हैशटैग 22 अप्रैल की रात 9:00 बजे के आसपास ट्रेंड होना शुरू हुआ. बहुत ही कम समय में इस हैशटैग वाले 14,000 से ज़्यादा पोस्ट पाकिस्तान के एक्स टाइमलाइन पर टॉप ट्रेंड में आ गए. लेकिन यह ट्रेंड काफी हद तक फेक लगता है क्योंकि ये 14 हज़ार से ज़्यादा पोस्ट सिर्फ कुछ ही हज़ार यूज़र्स ने किए. वो भी सिर्फ 16 घंटों में. इसका मतलब है कि कुछ यूज़र्स ने बार-बार एक ही हैशटैग पर जानबूझकर ट्रेंड सेट किया.
इसके अलावा, कैंपेन के लिए #IndianFalseFlag, #PahalgamDramaExposed, #ModiExposed, #IndiaFalseFlagExposed, #IndiaFalseFlagKing, #IndianMediaExposed जैसे हैशटैग यूज़ किए गए. ऐसे हैशटैग वाले हज़ारों पोस्ट का दावा था कि पहलगाम हमला पहले से तय था. इनमें भी 75 पर्सेंट से ज़्यादा पोस्ट ऐसे अकाउंट से आए, जिनके बायो में पाकिस्तान का नाम लिखा है.

कैंपेन के दौरान AI जनरेटेड वीडियो यूज़ किए गए. इनमें पीड़ितों की आपबीती का मज़ाक उड़ाया गया. अन्य वीडियो में पीएम मोदी की एआई से बनाई गईं तस्वीरें भी थीं.
कई अन्य पोस्ट में पीएम मोदी को घटना के लिए दोषी बताया गया. इसके लिए #ModiExposed जैसे कई हैशटैग यूज़ किए गए. इस तरह के क़रीब 45 हज़ार पोस्ट उर्दू में लिखे गए. ये पोस्ट भी पाकिस्तान के एक्स प्लेटफॉर्म पर ट्रेंड करते दिखे.

इस सोशल मीडिया पोस्ट में भारतीय मीडिया को भी निशाना बनाया गया. भारतीय पत्रकारों और न्यूज़ चैनलों को निशाना बनाने के लिए #IndianMediaExposed हैशटैग का इस्तेमाल किया गया. पहलगाम हमले के बाद बचाव अभियान में शामिल इंडियन आर्मी के जवानों पर आरोप लगाया गया कि वे लोगों की जान बचाने के बजाय रील बनाने में व्यस्त थे. इस प्रोपेगेंडा कैंपेन को बढ़ावा देने वाले ज़्यादातर यूज़र पाकिस्तान समर्थक नैरेटिव या शरीफ सरकार के समर्थन में पोस्ट करने वाले अकाउंट से जुड़े हैं.
फेक न्यूज़ का इस्तेमालपहलगाम हमले पर नैरेटिव सेट करने के लिए फेक न्यूज़ भी जमकर फैलाई गई. कुछ अकाउंट से दावा किया गया कि यह घटना भारत की ओर रचा गया एक ड्रामा थी. इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के एक पूर्व सदस्य भी फेक न्यूज़ फैलाने वालों में थे. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जल्द ही मीडिया के सामने पहलगाम हमले के लिए जेल में बंद पाकिस्तानियों को दोषी ठहराएगा.
वीडियो: पहलगाम हमले के विरोध में लाल चौक पर उतरी महिला, कहा कश्मीर को बदनाम नहीं होने देंगे