एक ओर पहलगाम में टूरिस्ट्स की जान बचाने वाले कश्मीरी लोगों पर देश गर्व कर रहा है. वहीं कुछ ऐसे कश्मीरी भी हैं, जिन पर उनके परिवार, प्रदेश और देश के लोगों का सिर शर्म से झुक जाए. खुफिया एजेंसियों ने घाटी में एक्टिव 14 आतंकवादियों की लिस्ट जारी की है. इन आतंकवादियों में 20 साल की उम्र से लेकर 40 साल की उम्र तक के लोग शामिल हैं. एएनआई के सूत्रों के मुताबिक, ये स्थानीय दहशतगर्द घाटी में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मदद करने के काम में लगे हैं. न सिर्फ आतंकवादियों को रसद का इंतजाम करना इनका काम है बल्कि ग्राउंड लेवल पर भी दहशतगर्दों को ये लोग कई तरह से सपोर्ट करते हैं.
कश्मीर के वो 14 आतंकवादी जो पाकिस्तानी आकाओं के लिए करते हैं काम, लिस्ट जारी
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने घाटी में एक्टिव 14 आतंकवादियों की लिस्ट जारी की है. इनमें 20 साल से लेकर 40 साल तक के आतंकवादी शामिल हैं.

लिस्ट में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें आदिल रहमान देंतू (21 साल), आसिफ अहमद शेख (28), अहसान अहमद शेख (23), हारिस नजीर (20), आमिर नजीर वानी (20), यावर अहमद भट, आसिफ अहमद खांडे (24), नसीर अहमद वानी (21), शाहिद अहमद कुटे (27), आमिर अहमद डार, अदनान सफी डार, जुबैर अहमद वानी (39), हारून राशिद गनई (32), और जाकिर अहमद गनी (29) शामिल हैं.
ये आतंकी कथित तौर पर पाकिस्तान समर्थित तीन आतंकवादी संगठनों के लिए काम करते हैं. पहला हिजबुल मुजाहिद्दीन है. दूसरा, लश्कर-ए-तैयबा और तीसरा है- जैश-ए-मोहम्मद.
- इनमें पहला नाम आदिल रहमान देंतू का है, जिसने 2021 में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था. डेंटू सोपोर इलाके में लश्कर के कमांडर के तौर पर काम करता है.
- आसिफ अहमद शेख अवंतिपोरा में जैश का कमांडर है. वह 2022 से आतंकी गतिविधियों में शामिल है.
- अहसान अहमद शेख पुलवामा में एक्टिव है. वह भी लश्कर का आतंकी है और 2023 से लगातार आतंकी गतिविधि में लगा है.
- पुलवामा का हारिस नजीर 2023 से लश्कर में शामिल है.
- आमिर नजीर ने 2024 में जैश-ए-मोहम्मद जॉइन किया था.
- जैश-ए-मोहम्मद से ही जुड़ा आतंकी यावर अहमद भट 2024 से पुलवामा इलाके में एक्टिव है.
- आसिफ अहमद खांडे शोपियां में एक्टिव है और जुलाई 2015 से हिजबुल मुजाहिद्दीन के साथ जुड़ा है.
- नसीर अहमद वानी शोपियां में लश्कर के आतंकवादी के तौर पर 2019 से एक्टिव है.
- शाहिद अहमद कुटे लश्कर का आतंकी है. 2023 से वह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ से जुड़ा है. ये वही संगठन है जिसने पहलगाम में आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी.
- आमिर अहमद डार भी शोपियां में 2023 से एक्टिव है. वह लश्कर ए तैयबा से जुड़ा है. विदेशी आतंकवादियों की मदद में वह बड़ी भूमिका निभाता है.
- शोपियां का अदनान सफी डार लश्कर और रेजिस्टेंस फ्रंट यानी टीआरएफ दोनों के लिए एक्टिव रहता है. वह आतंकी संगठन के पाकिस्तानी आकाओं और आतंकवादियों के बीच महत्वपूर्ण संचार के तौर पर काम करता है.
- जुबैर अहमद वानी उर्फ उबैदा उर्फ उस्मान अनंतनाग जिले में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का चीफ ऑपरेशनल कमांडर है. उसको ए-प्लस एक्टिव टेररिस्ट की श्रेणी में गिना जाता है. 2018 से लेकर अब तक वह सुरक्षाबलों पर कई हमलों में शामिल रह चुका है.
- हारून रशीद गनई लंबे समय से सुरक्षाबलों के राडार पर है. वह अनंतनाग इलाके में हिज्बुल मुजाहिदीन का एक्टिव मेंबर है. साल 2018 में वह पीओके भी गया था, जहां उसकी ट्रेनिंग हुई थी. बताया गया कि हाल ही में वह दक्षिणी कश्मीर के इलाकों में वापस लौटा है.
- जुबैर अहमद गनी लश्कर से जुड़ा आतंकवादी है. कुलगाम का यह दहशतगर्द कश्मीर में सुरक्षाबलों पर हमलों और कई टारगेट किलिंग्स में खासतौर पर शामिल रहा है.
आतंकवादियों के सपोर्ट सिस्टमबता दें कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबल लोकल आतंकवादियों की तलाश में है, जो पाकिस्तानी दहशतगर्दों के लिए सपोर्ट सिस्टम का काम करते हैं. सुरक्षाबलों ने कश्मीर पुलिस के साथ अनंतनाग और पुलवामा में संयुक्त तलाशी अभियान छेड़ा है. ये आतंकवादी इन्हीं इलाकों में एक्टिव बताए जा रहे हैं. खुफिया एजेंसियां इन 14 आतंकवादियों का पहलगाम कनेक्शन तलाश रही हैं. बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले में तीन आतंकवादी पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं जबकि जांच एजेंसियों को शक है कि कुछ स्थानीय उग्रवादियों ने उनकी इस हमले में मदद की थी.
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