हैदराबाद की एक अदालत ने उन दो महिला पत्रकारों पर लगे ‘संगठित अपराध’ का आरोप हटाने का आदेश दिया है, जिन्हें सीएम रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित अपमानजनक पोस्ट करने के चलते गिरफ्तार किया गया था. रेवती पोगदंडा और थानवी यादव को बीते हफ्ते गिरफ्तार किया गया था. लेकिन 17 मार्च को कोर्ट ने दोनों पत्रकारों के खिलाफ 'संगठित अपराध' का प्रमुख आरोप हटा दिया. अदालत ने कहा कि पत्रकारों पर ये आरोप नहीं लगाया जा सकता, क्योंकि ये कोई संगठित अपराध नहीं है और न ही इसमें किसी भी तरह के पैसे का लेनदेन किया गया था.
हैदराबाद में गिरफ्तार महिला पत्रकारों को कोर्ट से राहत, CM रेड्डी के खिलाफ पोस्ट किया था
हालांकि कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और BNS प्रावधानों के तहत झूठी सूचना बनाने और प्रसारित करने से संबंधित अन्य आरोपों को बरकरार रखा, और कहा कि FIR में प्रथम दृष्टया ठोस आरोप निहित हैं.

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जी अनुषा ने यूट्यूब समाचार चैनल पल्स डिजिटल न्यूज नेटवर्क की प्रबंध निदेशक रेवती पोगदंडा और थानवी यादव को न्यायिक हिरासत में भेजते हुए फैसला सुनाया कि उनके खिलाफ धारा 111 लगाना अनुचित था. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने आरोप खारिज करते हुए कहा,
"BNS की धारा 111 इसलिए नहीं लगाई जा सकती है क्योंकि इसमें धारा 111 के तहत बताया गया कोई मौद्रिक लेनदेन या कोई अन्य कारण शामिल नहीं हैं."
हालांकि, कोर्ट ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और BNS प्रावधानों के तहत झूठी सूचना बनाने और प्रसारित करने से संबंधित अन्य आरोपों को बरकरार रखा, और कहा कि FIR में प्रथम दृष्टया ठोस आरोप निहित हैं.
हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने 11 मार्च को पल्स न्यूज की मैनेजिंग डायरेक्टर पोगदंडा रेवती और इसी चैनल की रिपोर्टर थानवी यादव को गिरफ्तार किया था. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस इस मामले में निप्पूकोडी नाम के एक शख्स के X अकाउंट की भी जांच कर रही है. पुलिस ने कांग्रेस की स्टेट सोशल मीडिया यूनिट के प्रमुख की शिकायत पर ये कार्रवाई की. पत्रकारों पर ‘अफवाह के जरिये नफरत फैलाने और शांति भंग’ करने जैसे आरोप लगे हैं.
बदनाम करने और दुष्प्रचार करने का आरोपरेवती पोगदंडा ने कुछ समय पहले अपने X अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें एक शख्स कथित तौर पर मुख्यमंत्री के बारे में कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करता दिख रहा था. शिकायतकर्ता के अनुसार ये पोस्ट अत्यधिक ‘भड़काऊ’ था, जिसमें ‘हिंसा भड़काने की क्षमता’ थी. ये भी आरोप लगाए गए कि पल्स टीवी ने जानबूझकर बदनाम करने और दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी.
पुलिस के मुताबिक सोशल मीडिया पर डाला गया ये वीडियो कथित तौर पर भारत राष्ट्र समिति के पार्टी कार्यालय में शूट किया गया था. पुलिस ने ये भी संदेह जताया कि विधानसभा सत्र से पहले इसे जारी करने के पीछे कोई राजनीतिक साजिश थी. वीडियो सामने आने के कुछ दिनों बाद सीएम रेड्डी ने चेतावनी दी थी कि पत्रकारिता की आड़ में अपमानजनक प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने सीमा का उल्लंघन करने वालों को नग्न करके परेड कराने की धमकी भी दी थी.
उन्होंने ये भी कहा,
"हम ऐसे अपराधियों को आवश्यकतानुसार जवाब देंगे. यदि वो मुखौटे के पीछे छिपे हैं, तो वो पर्दा हट जाएगा और वो बेनकाब हो जाएंगे. तमाशा मत बनाइए. मैं भी एक इंसान हूं... हम कानून के अनुसार सख्ती से काम करेंगे और किसी भी सीमा को पार नहीं करेंगे."
उधर दोनों पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने इसकी कड़ी आलोचना की. केटी रामा राव ने राज्य कांग्रेस सरकार पर आलोचना के प्रति असहिष्णु होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा,
"ऐसा लगता है कि तेलंगाना में आपातकाल की स्थिति लौट आई है."
X पर एक पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि पत्रकारों में से एक रेवती को ‘अवैध रूप से’ गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने सुबह 5 बजे उनके घर पर छापा मारा था. ये कांग्रेस की आपातकाल-शैली के शासन को दर्शाता है. राव ने थानवी यादव की गिरफ्तारी को 'अत्याचारी' बताया और आरोप लगाया कि तेलंगाना में प्रेस की स्वतंत्रता कम हुई है.
वीडियो: पत्रकारों पर क्यों भड़क गए तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी? सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ा है मामला!