एक देश-एक चुनाव के लिए संयुक्त संसदीय कमेटी (JPC) का गठन हो गया है. कुल 31 सदस्य इस कमेटी में हैं. लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसदों को इस JPC के लिए चुना गया है. ये कमेटी संसद में मंगलवार, 17 दिसंबर को पेश हुए 129 वें संविधान (संशोधन) बिल की समीक्षा करेगी. एक देश-एक चुनाव के लिए बनी JPC में अनुराग ठाकुर और प्रियंका गांधी का नाम भी शामिल है. इस कमेटी की अध्यक्षता BJP सांसद पीपी चौधरी करेंगे. वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को लोकसभा में पेश कर दिया गया है. इसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है.
वन नेशन-वन इलेक्शन पर बनी JPC में प्रियंका गांधी, कमेटी में कुल 31 सांसद शामिल
One Nation One Election bill: एक देश-एक चुनाव को लेकर संसद में पेश हुए बिल की समीक्षा के लिए JPC का एलान कर दिया गया है. लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सांसदों को इस JPC के लिए चुना गया है. कौन-कौन बड़े नाम हैं इस कमेटी में?
एक देश-एक चुनाव से जुड़ा बिल संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल को पास कराने के लिए विशेष बहमत की जरूरत होगी. संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के तहत संविधान संशोधनों के लिए विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है. यानी इस बिल का संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से पास होना जरूरी है.
JPC में कौन-कौन है?1. पीपी चौधरी (BJP) 2. डॉ. सीएम रमेश (BJP) 3. बांसुरी स्वराज (BJP) 4. परषोत्तमभाई रूपाला (BJP) 5. अनुराग सिंह ठाकुर (BJP) 6. विष्णु दयाल राम (BJP) 7. भर्तृहरि महताब (BJP) 8. डॉ. संबित पात्रा (BJP) 9. अनिल बलूनी (BJP) 10. विष्णु दत्त शर्मा (BJP) 11. प्रियंका गांधी वाड्रा (कांग्रेस) 12. मनीष तिवारी (कांग्रेस) 13. सुखदेव भगत (कांग्रेस) 14. धर्मेन्द्र यादव (समाजवादी पार्टी) 15. कल्याण बनर्जी (TMC) 16. टी.एम. सेल्वागणपति (DMK) 17. जीएम हरीश बालयोगी (TDP) 18. सुप्रिया सुले (NCP-शरद गुट) 19. डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना- शिंदे गुट) 20. चंदन चौहान (RLD) 21. बालाशोवरी वल्लभनेनी (जनसेना पार्टी).
JPC में क्यों भेजा गया बिल?
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 दिसंबर को लोकसभा में एक देश-एक चुनाव को लेकर संविधान संशोधन बिल रखा था. विपक्षी सांसदों ने इसका विरोध किया. इसके बाद बिल पेश करने के लिए वोटिंग कराई गई. इस वोटिंग में बिल पेश करने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े.
बिल पेश किए जाने पर विपक्ष के विरोध को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि बिल जब कैबिनेट में आया था, तब प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इसे JPC को भेजना चाहिए. कानून मंत्री ऐसा प्रस्ताव कर सकते हैं.
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इसके बाद सरकार ने इस बिल को JPC के पास भेजा दिया. अब JPC इसपर व्यापक विचार-विमर्श करेगी, अलग-अलग विशेषज्ञों से इस पर चर्चा करेगी, उनकी राय लेगी. और इसके बाद JPC इस बिल को लेकर अपनी सिफारिशें सरकार को देगी.
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