एक किताब है. नाम है The Chief Minister and The Spy. इसे लिखा है भारत के खुफिया विभाग - रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (R&AW) - के पूर्व प्रमुख ए. एस. दुलत (A S Dulat) ने. किताब पर चर्चा करने के लिए वह लल्लनटॉप के वीकली शो किताबवाला (Kitabwala) में आए. इस किताब में उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के साथ अपनी दोस्ती के बारे में चर्चा की है. उन्होंने उनके बेटे और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बारे में एक दिलचस्प बात कही. दुलत ने उन्हें 50 प्रतिशत ही कश्मीरी बताया. इसके पीछे उन्होंने एक दिलचस्प वजह बताई.
'उमर अब्दुल्ला सिर्फ 50% कश्मीरी... ' RAW के पूर्व मुखिया ने ऐसा क्यों कहा?
पूर्व रॉ चीफ ए. एस. दुलत ने उमर अब्दुल्ला को 50 प्रतिशत ही कश्मीरी बताया. जबकि उनके पिता को वह 100 पर्सेंट कश्मीरी मानते हैं. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई.

किताब में उमर अब्दुल्ला के बारे में दुलत लिखते हैं,
“उमर ने विरोधाभास की एक तस्वीर पेश की है. 100 प्रतिशत भारतीय हैं. लेकिन सिर्फ 50 प्रतिशत कश्मीरी हैं और 50 प्रतिशत सनावर के हेड बॉय.”
बता दें कि सनावर हिमाचल के सोलन में हैं. उमर की स्कूली पढ़ाई यहीं के दी लॉरेंस स्कूल से हुई है. स्कूली एजुकेशन के दौरान वह स्कूल के हेड बॉय हुआ करते थे.
इंटरव्यू के दौरान इस लाइन के बारे में दुलत कहते हैं,
यह बात बहुत सारे कश्मीरी कहते रहे हैं. 2008 में जब उमर सीएम बने तो लोग कहते थे कि वह ट्वीट सीएम हैं. फोन पर ज़्यादा रहते हैं. कुछ अन्य लोग कहते थे वो तो अंग्रेज़ हैं. इनको कश्मीरी भी नहीं बोलनी आती.
दुलत आगे कहते हैं,
फारूक अब्दुल्ला पर क्या बोले?अब मैं समझता हूं कि उन्हें काफी हद तक कश्मीरी बनना ही पड़ेगा. अब उमर के पास कोई ऑप्शन ही नहीं है. अगर 50 पर्सेंट थे तो अब 100 पर्सेंट बनना ही पड़ेगा.
दुलत, फारूक अब्दुल्ला के बारे में वह लिखते हैं, “फारूक 100 पर्सेंट भारतीय और 100 पर्सेंट से ज़्यादा कश्मीरी हैं.”
पिछले लोकसभा चुनावों में NDA को हराने के लिए विपक्ष की कई पार्टियों ने मिलकर I.N.D.I.A. गठबंधन बनाया था. लेकिन, थोड़े-थोड़े समय में विपक्षी पार्टियों के बीच खटपट की खबरें आती रहीं. सभी में एकजुटता की कमी दिखी. सबसे बड़ी परेशानी गठबंधन के नेतृत्व को लेकर ही थी. दुलत नेतृत्व की परेशानी के हल के तौर पर फारूक अब्दुल्ला को देखते थे.
इंटरव्यू के दौरान उनसे पूछा गया कि सिर्फ दो सांसद वाली पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया कैसे पूरे विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व कर सकते हैं? इस पर दुलत कहते हैं,
मैं समझता हूं कि हिंदुस्तान में फारूक अब्दुल्ला एक बड़े लीडर हैं. अब इंडिया अलायंस को चलाने के लिए अगर मुझसे कोई पूछे तो सोनिया जी से बेहतर कोई नहीं है. मैंने नेताओं के बारे में बहुत कुछ सुना. लेकिन सोनिया के बारे में कोई बुरी बात नहीं सुनी. सब उनकी तारीफ करते हैं.
वह आगे कहते हैं,
अब अगर सोनिया जी पॉलिटिक्स से पीछे हट गई हैं तो मुझे कोई और नेता ध्यान में नहीं आता है. शरद पवार हैं, लेकिन मैं समझता हूं फारूक अब्दुल्ला उनसे बड़े लीडर हैं.
उन्होंने दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला राष्ट्रपति बनना चाहते थे. दुलत ने कहा,
“उनके एंबीशन में ज़रूर था राष्ट्रपति बनना. वाइस प्रेसिडेंट बनते तभी तो प्रेसिडेंट बनते. ज़रूर था.”
हालांकि उन्होंने माना कि अब्दुल्ला ने उनसे यह बात नहीं कही थी. वह यह बात अपने अनुभव से कह रहे हैं. दुलत ने आगे कहा, “उन्होंने (अब्दुल्ला) तो यही कहा था (सार्वजनिक रूप से) कि हां, मैं दिल्ली आने के लिए तैयार हूं, अगर मुझे वाइस प्रेसिडेंट बनाया जाए.”
दुलत ने यह भी बताया कि एक बार फारूक ने उन्हें अपने ऑफिस में बुलाकर दिल्ली का हाल जाना था. वह पूछ रहे थे कि आखिर उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाएगा या नहीं. लेकिन उन्हें राष्ट्रपति नहीं बनाया गया.
वीडियो: किताबवाला: पूर्व रॉ चीफ ए.एस.दुलत ने कश्मीर, पाकिस्तान और अजित डोभाल पर क्या बता दिया?