कृष्ण शेखर राणा, जो कभी चार अलग-अलग यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर रहे, खुद को ओमान देश का हाई कमिश्नर बताकर VIP भौकाल काट रहे थे. लेकिन उनकी चालाकी ज्यादा दिन नहीं चली और गाजियाबाद पुलिस ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. आरोपी ने फर्जी दस्तावेज बनाकर ओमान की एंबेसी का अधिकारी होने का नाटक किया. राणा ने अपनी मर्सिडीज कार पर विदेशी डिप्लोमेट्स वाली नीली नंबर प्लेट भी लगाई, और लाल-नीली बत्ती लगाकर VIP प्रोटोकॉल के साथ घूमते थे.
फर्जी हाई कमिश्नर बन पुलिस-प्रशासन में मचाया VIP भौकाल, सम्मान भी खूब बटोरा, आरोपी VC रह चुका है
गाजियाबाद पुलिस ने कौशांबी थाना क्षेत्र से एक शख्स को गिरफ्तार किया जो ओमान का नकली हाई कमिश्नर बनकर घूम रहा था. आरोपी VIP प्रोटोकॉल और सरकारी सुख-सुविधाएं लेने के लिए ऐसा करता था.

इंडिया टुडे से जुड़े मयंक गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी जिलाधिकारियों को फर्जी लेटर भेजकर वीआईपी सुरक्षा हासिल करता था. गाजियाबाद पुलिस ने कौशांबी थाना क्षेत्र से उसे गिरफ्तार किया. आरोपी की कार से 42 विजिटिंग कार्ड, एक फर्जी आईडी और लाल-नीली बत्ती बरामद हुए हैं. पूछताछ में उसने कबूल किया कि हाई कमिश्नर बनने का ड्रामा सिर्फ इसलिए किया ताकि उसे आसानी से वीआईपी ट्रीटमेंट और सुरक्षा मिल जाए.
रिपोर्ट के मुताबिक कृष्ण शेखर राणा काफी अच्छी पढ़ाई के साथ कई अहम पदों पर रह चुके हैं. फिलहाल दिल्ली के लाजपत नगर में रह रहे थे. आरोपी का आगरा में खुद का कॉलेज है. नाम है ‘कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’. इसके अलावा राणा का राजस्थान में एक रिजॉर्ट भी है.
डीसीपी (ट्रांस हिंडन) निमिष पाटील ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि आरोपी कृष्ण शेखर राणा पहले आगरा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे. 2015 में रिटायर होने के बाद उन्होंने कुमाऊं यूनिवर्सिटी, अल्मोड़ा रेजिडेंशियल यूनिवर्सिटी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी और जयपुर टेक्निकल यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर (VC) की कुर्सी संभाली. इसके बाद इंडिया GCC ट्रेड काउंसिल नाम के एनजीओ के सदस्य बने, जो गल्फ देशों के साथ ट्रेड बढ़ाने के लिए काम करती है. बाद में वो एनजीओ में ओमान से ट्रेड बढ़ाने के लिए एनजीओ के ट्रेड कमिश्नर बन गए.
रिपोर्ट के मुताबिक राणा ने गाजियाबाद जिलाधिकारी को VIP प्रोटोकॉल के लिए एक फर्जी लेटर लिखा था. जांच में पुलिस को दस्तावेज संदिग्ध लगे, जिसके बाद पुलिस ने उनका पर्दाफाश किया. इससे पहले आरोपी मथुरा और फरीदाबाद में फर्जी हाई कमिश्नर बनकर वीआईपी सुविधाएं ले चुका था. यहां तक कि फरवरी 2025 में खुद को ओमान का ‘हाई कमिश्नर’ बताकर दिल्ली के एक होटल में बतौर चीफ गेस्ट सम्मान भी बटोरा था.
इस मामले में पुलिस ने ओमान एंबेसी से भी जानकारी ली, मगर एंबेसी ने कहा कि उनके यहां कृष्ण शेखर राणा नाम को कोई व्यक्ति काम नहीं करता है. इसके अलावा जो गाड़ी पुलिस को मिली, उसका भी संबंध ओमान एंबेसी से नहीं है. फिलहाल, पुलिस ने राणा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 319 (2), 318 (4) (धोखाधड़ी), 336 (3) (जालसाजी) के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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