राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) में डिस्ट्रिक्ट जज के प्रमोशन को लेकर एक ऐसी खबर आई है, जिसने सभी के कान खड़े कर दिए हैं. यहां हाई कोर्ट में डिस्ट्रिक्ट जज पद के लिए एग्जाम आयोजित किया गया था. इसका रिजल्ट जारी किया गया है. ट्विस्ट ये है कि एग्जाम में एक भी कैंडिडेट को प्रमोशन के लायक नहीं पाया गया. जी हां, नतीजा आया और हाई कोर्ट ने साफ कह दिया कि कोई भी उम्मीदवार उस स्टैंडर्ड तक नहीं पहुंच सका.
हाई कोर्ट में जजों के प्रमोशन के लिए एग्जाम हुआ, कोई भी पास नहीं हो पाया
एग्जाम के लिए वो सीनियर जज ही एलिजिबल थे जिन्होंने कम से कम 5 साल की सर्विस पूरी की हो. हाई कोर्ट के नोटिफिकेशन की मानें तो एग्जाम के लिए 99 सीनियर सिविल जज ही एलिजिबल थे.

दरअसल, हाई कोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज के पद पर प्रमोशन के लिए लिमिटेड कॉम्पिटिटिव एग्जाम का रिजल्ट घोषित किया. लिमिटेड कॉम्पिटिटिव एग्जाम का मतलब है कि इसमें सिर्फ चुनिंदा लोग ही हिस्सा ले सकते हैं, जो पहले से ज्यूडिशियरी में काम कर रहे हैं और अनुभव रखते हैं. यानी ये लोग नौसिखिए नहीं थे, बल्कि पहले से सिस्टम का हिस्सा थे. फिर भी रिजल्ट में सबके हाथ खाली रहे.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक इस एग्जाम के लिए 9 जुलाई, 2024 को नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके लिए वो सीनियर जज एलिजिबल थे जिन्होंने कम से कम 5 साल की सर्विस पूरी की हो. हाई कोर्ट के नोटिफिकेशन की मानें तो एग्जाम के लिए 99 सीनियर सिविल जज ही एलिजिबल थे. और ये कुल 45 पदों के लिए होना था. इसमें 16 वेकेंसी साल 2022-23 की थीं. 4 वेकेंसी 2023-24 और 2 वेकेंसी साल 2024-25 की थीं.
पोस्ट के लिए प्री एग्जाम 24 नवंबर 2024 को आयोजित किया गया था. जिसमें 46 कैंडिडेट रिटेन टेस्ट के लिए सेलेक्ट हुए थे. रिटेन टेस्ट 8 और 9 मार्च 2025 को कराया गया. जिसके बाद 8 अप्रैल को इसका रिजल्ट जारी किया गया. नोटिफिकेशन में हाई कोर्ट की तरफ से बताया गया कि पोस्ट के लिए कोई भी कैंडिडेट पात्र नहीं पाया गया. यानी रिटेन टेस्ट कोई भी पास नहीं कर पाया.
अब बात ये है कि क्या कैंडिडेट्स की तैयारी में कमी थी या फिर सेलेक्शन प्रोसेस को और सख्त कर दिया गया है? जो भी हो, ये बात साफ है कि डिस्ट्रिक्ट जज की कुर्सी तक पहुंचना कोई बच्चों का खेल नहीं है. हाई कोर्ट का ये फैसला दिखाता है कि वो अपने जजों से कितनी ऊंची क्वालिटी की उम्मीद रखता है.
वीडियो: Allahabad High Court के फैसले पर रोक लगाते हुए Supreme Court ने तगड़ा सुना दिया