मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमलों के 17 साल बाद इसकी साजिश में शामिल आतंकवादियों में से एक तहव्वुर हुसैन राणा को आज भारत लाया गया. NIA ने अब उसे गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर भी सामने आई है. इसमें वो सफेद दाढ़ी, काले चश्मे और भूरे लबादे में नजर आ रहा है. ये तस्वीर NIA ने खुद जारी की है.
मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर सामने आई
तस्वीर में तहव्वुर हुसैन राणा अफसरों से घिरा दिख रहा है. दोनों ओर से उसके हाथों को अधिकारियों ने पकड़ा हुआ है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक राणा को 10 अप्रैल की शाम को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.

तस्वीर में तहव्वुर हुसैन राणा अफसरों से घिरा दिख रहा है. दोनों ओर से उसके हाथों को अधिकारियों ने पकड़ा हुआ है. ANI की रिपोर्ट के मुताबिक राणा को 10 अप्रैल की शाम को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. उसको अमेरिका से सफलतापूर्वक दिल्ली के IGI एयरपोर्ट लाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया. राणा को अमेरिका से एक विशेष विमान में NSG और NIA की टीमों द्वारा नई दिल्ली लाया गया है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक NIA की टीम और अन्य अधिकारी 26/11 के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को दिल्ली एयरपोर्ट से पटियाला हाउस कोर्ट ले जाएंगे. जहां एक विशेष NIA अदालत मामले की सुनवाई करेगी.
उधर अमेरिकी न्याय विभाग ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया दी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग के प्रवक्ता निकोल नवास ऑक्समैन ने कहा है कि राणा का प्रत्यर्पण 2008 के हमलों में न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा,
"मैं पुष्टि कर सकता हूं कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने कल दोषी ठहराए गए आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया है. राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस जघन्य हमले में मारे गए थे."
राणा की गिरफ्तारी पर पूर्व केंद्रीय गृह सचिव एवं मंत्री आरके सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई. उन्होंने कहा,
2009 से अमेरिका की जेल में बंद था"ये एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है और सभी के लिए संतोष की बात है, खासकर आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए. इससे आतंकवादियों को ये संदेश गया है कि अगर वो भारत पर हमला करते हैं, तो चाहे वो दुनिया में कहीं भी हों उन्हें पकड़ा जाएगा. उन्हें भारतीय अदालतों के सामने पेश किया जाएगा और दंडित किया जाएगा. किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.”
तहव्वुर राणा 2009 से अमेरिका की जेल में बंद था. लंबे समय से उसके भारत में प्रत्यर्पण की कोशिश की जा रही थी. ट्रंप सरकार आने के बाद एलान किया गया कि अमेरिका राणा का प्रत्यर्पण करेगा और उसे भारत में न्याय का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद राणा ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील की थी. उसकी अर्जी खारिज कर दी गई. पुनर्विचार की अर्जी डालने का भी कोई असर नहीं हुआ.
तहव्वुर राणा मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं में से एक है. 26/11 आतंकी हमले की साजिश के तहत उसने अपने बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली के लिए फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए थे. इसकी मदद से हेडली भारत आया था और मुंबई हमलों के लिए रेकी की थी. राणा भी बाद में भारत आया और हमले के लिए तैयारियों की समीक्षा की थी. इसके कुछ ही दिन बाद मुंबई में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे. हमले के बाद एकमात्र जिंदा आतंकी अजमल कसाब पकड़ा गया था, जिसे फांसी दे दी गई. राणा मुंबई आतंकी हमलों का तीसरा आरोपी है, जिसका मुकदमा भारत में चलेगा. उसका अमेरिका से प्रत्यर्पण भारत के लिए बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है.
वीडियो: मुंबई हमले के पीड़ित तौफीक बोले- 'कसाब की तरह राणा को बिरयानी मत खिलाना'