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नेशनल हेराल्ड मामले में ED ने बढ़ाई सोनिया-राहुल की मुसीबतें, संपत्तियां जब्त करने की प्रक्रिया शुरू

National Herald Money Laundering Case: इस मामले की शुरूआत तब हुई थी, जब BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि ‘Young Indian’ कंपनी ने AJL की 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां हड़प ली. ‘यंग इंडियन’ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली कंपनी है.

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'यंग इंडियन’ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली कंपनी है (फोटो: PTI)

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ‘नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग’ मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ED ने इस मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कंपनी से जुड़ी संपत्तियों को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरु कर दी है. 11 अप्रैल को केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किए, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां हैं.

बता दें कि ‘यंग इंडियन’ सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली कंपनी है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जब्ती जांच के बाद की गई है. जिसमें AJL की संपत्तियों से जुड़े 988 करोड़ रुपये की काली कमाई का पता चला है. एजेंसी का आरोप है कि ये सभी संपत्तियां कांग्रेस के माध्यम से अवैध रूप से प्राप्त की गई थी. इससे पहले नवंबर 2023 में ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों के साथ-साथ 90.2 करोड़ रुपये के AJL शेयरों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था. इस जब्ती की पुष्टि 10 अप्रैल 2024 को हुई थी.

इसके अलावा ED ने मुंबई के ‘हेराल्ड हाउस’ में जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स को एक अलग नोटिस जारी किया है. जो उस बिल्डिंग के तीन मंजिलों पर किराए पर है. ED ने निर्देश दिया है कि अब कंपनी को भविष्य में सभी किराए का भुगतान सीधे ED के पास जमा करना होगा. 

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क्या है नेशनल हेराल्ड केस?

इस पूरे मामले की शुरूआत तब हुई थी, जब BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि ‘यंग इंडियन’ ने AJL की 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां हड़प ली. उन्होंने दिल्ली की एक कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई. जिसमें कहा गया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सिर्फ 50 लाख रुपये देकर AJL की 2000 करोड़ की संपत्तियों को धोखाधड़ी से हड़प लिया. इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने जांच को आगे बढ़ाने की अनुमति दी. जांच के दौरान, ED ने कई स्थानों पर तलाशी और जब्ती की और दावा किया कि फर्जी दान, किराया और विज्ञापनों के जरिए करीब 85 करोड़ रुपये की हेर-फेर की गई. बता दें कि AJL ही नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करता था. जिसका स्वामित्व यंग इंडियन लिमिटेड (YIL) के पास है. 

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