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महाराष्ट्र में बूंद-बूंद पानी को तरसता ये गांव, जान जोखिम में डाल कुएं में उतरती हैं महिलाएं

Nashik Water Crisis: नासिक जिले के तालुका पेठ के बोरीचिवारी गांव में जल संकट गहरा गया है. महिलाएं लगभग 70 फीट नीचे कुएं में उतरकर गंदा पानी भरने के लिए मजबूर हैं. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है.

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यहां के सैकड़ों गांव जल संकट से जूझ रहे हैं (फोटो: ANI)

आजादी के सात दशक बाद भी भारत के कई इलाकों में लोग पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. चुनावी रैलियों में नेता चांद पर ले जाने तक का वादे कर देते हैं, लेकिन जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है. ताजा मामला नासिक का है (Nashik Water Crisis). यहां के सैकड़ों गांव जल संकट से जूझ रहे हैं. कुएं सूख चुके हैं. ऐसे ही एक गांव बोरीचिवारी से तस्वीर सामने आ रही है, जिसमें महिलाएं जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरकर पानी लाने के लिए मजबूर हैं.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, नासिक जिले के तालुका पेठ के बोरीचिवारी गांव में जल संकट गहरा गया है. महिलाएं लगभग 70 फीट नीचे कुएं में उतरकर गंदा पानी भरने के लिए मजबूर हैं. इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुछ महिलाएं एक कुएं को घेरकर खड़ी हुई हैं. उनके हाथ में पानी भरने के लिए बर्तन हैं. सब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. तभी एक महिला रस्सी के सहारे जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरती है और अपने बर्तन में पानी भरती है. इस लगभग सूख चुके कुएं में नाम मात्र ही पानी नजर आ रहा है.

बता दें कि इससे पहले फरवरी, 2025 में जिला प्रशासन ने नासिक जिले में पानी की कमी को पूरा करने के लिए 8.8 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस योजना में मुख्य रूप से पेयजल आपूर्ति से संबंधित उपायों पर ध्यान केंद्रित किया गया था. नासिक जिला परिषद के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, इस योजना में गर्मी के मौसम में जरूरतमंद गांवों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल आपूर्ति टैंकरों की तैनाती की बात की गई थी. 

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नासिक में कई गांव ऐसे है जहां महिलाओं को कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लेने जाना पड़ता है. साल 2022 में भूजल सर्वेक्षण में पता चला था कि पुणे, नासिक, धुले, जलगांव, नंदुरबार और अमरावती जिलों के 15 ब्लॉकों के 213 गांवों को अप्रैल से ही पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है. वहीं, 2025 में भूजल सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट आने के बाद नासिक जिले के 776 गांवों में कुआं खोदने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ताकी पानी का दोहन न किया जा सके.

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