मुंबई हमले (Mumbai Attack) का आरोपी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) भारत लाया जा रहा है. गुरुवार की दोपहर तक वह भारत पहुंच जाएगा. राणा को एनआईए (NIA) की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा. बाद में उसे रिमांड में लेकर हमले के संबंध में पूछताछ की जाएगी. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने मुकदमे को लेकर सरकारी वकील की नियुक्ति कर दी है. बुधवार की रात एक अधिसूचना जारी कर नरेंद्र मान (Narender Maan) को विशेष सरकारी अभियोजक (Special Public Prosecutor) बनाया गया है. मान का कार्यकाल तीन सालों तक होगा. या फिर अगर इससे पहले मुकदमे की सुनवाई पूरी हो जाती है, तो मान का कार्यकाल भी उसी के साथ पूरा हो जाएगा. इनमें से जो भी पहले होगा, अधिसूचना के हिसाब से वही मान का कार्यकाल होगा.
कौन हैं नरेंद्र मान? जिन्हें तहव्वुर राणा केस में सरकारी वकील बनाया गया है
तहव्वुर राणा के भारत आने से पहले गृह मंत्रालय ने इस केस के लिए स्पेशल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर की नियुक्ति कर दी है. जाने माने वकील नरेंद्र मान इस पद को संभालेंगे. उनका कार्यकाल तीन साल का होगा. अगर तीन साल पहले मुकदमा पूरा हो जाता है तो इसी के साथ ही मान का कार्यकाल पूरा माना जाएगा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार की रात जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और राष्ट्रीय जांच एजेंसी एक्ट-2008 द्वारा दी गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार अधिवक्ता नरेंद्र मान को एनआईए केस RC-04/2009/NIA/DLI (तहव्वुर राणा केस) की सुनवाई के लिए और अन्य संबंधित मामलों के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करती है. नोटिफिकेशन जारी होते ही यह नियुक्ति लागू मानी जाएगी. मान तीन सालों तक या फिर मुकदमे की समाप्ति तक (जो भी पहले हो) इस पद पर बने रहेंगे.
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हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र मान देश के जाने-माने वकील हैं और उन्होंने बतौर लोक अभियोजक कई मामलों की पैरवी की है. साल 2018 में उन्होंने एसएससी पेपर लीक मामले पर भी कोर्ट में बहस की थी. अब वह मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के केस में भी सरकारी वकील के तौर पर जुड़ेंगे.
बता दें कि मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा अमेरिका से भारत लाया जा रहा है. गुरुवार को भारतीय अधिकारियों के साथ स्पेशल फ्लाइट से वह भारत पहुंचेगा. इसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. राणा पर डेविड कोलमैन हेडली को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराने का आरोप है. इन दस्तावेजों के जरिए हेडली भारत आया था और मुंबई हमलों के लिए रेकी की थी. राणा अमेरिका में एक डिटेंशन सेंटर में बंद था. प्रत्यर्पण के खिलाफ उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी डाली थी. हालांकि, उसकी अर्जी खारिज कर दी गई.
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