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नमिता थापर का सबीर भाटिया पर निशाना, 'दूसरे देश में जाकर ज्ञान देना आसान है'

Shark Tank India की जज Namita Thapar ने हॉटमेल के co-founder सबीर भाटिया के भारतीय इंजीनियरों पर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. Sabeer Bhatia ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि अधिकतर भारतीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अपने डोमेन में काम करने के बजाए मैनेजमेंट फील्ड चुन लेते हैं.

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नमिता थापर ने सबीर भाटिया के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. (इंडिया टुडे)

एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) की जज नमिता थापर (Namita Thapar) ने हॉटमेल के को-फाउंडर सबीर भाटिया (Sabeer Bhatia) के बयान की  आलोचना की है. भाटिया ने भारत की इंजीनियरिंग एजुकेशन और वर्क कल्चर के बारे में टिप्पणी की थी.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में सबीर भाटिया ने एक पॉडकास्ट को दिए इंटरव्यू में कहा था कि, इंजीनियर के तौर पर ग्रेजुएट होने वाले 99 प्रतिशत भारतीय रियल प्रोडक्ट बनाने के बजाय मैनेजमेंट की भूमिकाओं में शामिल हो जाते हैं. और सभी को ज्ञान देना शुरू कर देते हैं.

सबीर भाटिया के बयान वाली इंडिया टुडे की स्टोरी को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए नमिता थापर ने लिखा,  

मैं 8 साल तक अमेरिका में रही और वहां रहने वाले कई भारतीयों से मिली. इनमें से ज्यादातर लोग भारत की आलोचना करना पसंद करते हैं. दूसरे देश में जाने के बाद ज्ञान देना आसान है. लेकिन असली चुनौती अपने देश में रहकर बदलाव लाने की है.

नमिता थापर ने अपने पोस्ट में सरकार से प्रतिभाओं के हो रहे पलायन पर विचार करने का भी अनुरोध किया. उन्होंने लिखा, 

प्रिय सरकार, कृपया ध्यान दें कि प्रतिभाओं का पलायन (ब्रेन डेन) सचमुच एक चिंता का विषय है, इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

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सबीर भाटिया ने क्या बोला था?

सबीर भाटिया ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि अधिकतर भारतीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अपने डोमेन में काम करने के बजाए मैनेजमेंट फील्ड चुन लेते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को टेक्निकल स्किल के प्रति अपने नजरिए में बदलाव करना होगा. और उन लोगों का सम्मान करना होगा जो सॉफ्टवेयर बनाते हैं, कोड लिखते हैं. या इन समस्याओं के बारे में क्रिटिकली सोचते हैं.

चीन के साथ तुलना की

हॉटमेल के को फाउंडर ने कहा कि चीन सभी को एजुकेट करता है. यह सब्सिडी वाली एजुकेशन, सब्सिडी वाली कारों जैसा है. उन्होंने आगे कहा कि भारत में एजुकेशन अमीरों का विशेषाधिकार है. और अमीर लोग क्या करते हैं? वो बस एजुकेशन पाना चाहते हैं. और किसी से शादी करके दहेज लेना चाहते हैं. यह कैसी सोच हैं?

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