उत्तराखंड में कई जगहों के नाम बदल (Uttarakhand Renamed 17 places) दिए गए हैं. ये जगहें हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर जिलों में मौजूद हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार, 31 मार्च को इसकी घोषणा की. बता दें कि सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त पर आया है जब देश में मुग़ल सल्तनत से जुड़े राजाओं और उनके नाम वाले सड़कों/स्थानों को लेकर विवाद चरम पर है.
उत्तराखंड में कई जगहों के नाम बदले, औरंगजेबपुर अब शिवाजीनगर, पूरी लिस्ट देखें
उत्तराखंड के चार जिलों में कुल 17 जगहें हैं जिनका नाम बदला गया है. इनमें हरिद्वार में दस, देहरादून में चार, नैनीताल में दो और उधम सिंह नगर में एक स्थान शामिल हैं.

आजतक के इनपुट के मुताबिक, चार जिलों में कुछ सड़कों समेत 17 जगहें हैं जिनका नाम बदला गया है. इनमें हरिद्वार में दस, देहरादून में चार, नैनीताल में दो और उधम सिंह नगर में एक स्थान शामिल हैं. इन जगहों का नाम हिंदू प्रतीकों, पौराणिक पात्रों के अलावा प्रमुख बीजेपी और आरएसएस नेताओं के नाम पर रखा गया है. कुछ नए नाम ऐतिहासिक शख्सियतों के नाम पर भी हैं.
सीएम द्वारा शेयर की गई लिस्ट के मुताबिक, हरिद्वार के औरंगज़ेबपुर का नाम बदलकर शिवाजी नगर, गजीवाली का नाम बदलकर आर्य नगर, चांदपुर का नाम बदलकर ज्योतिबा फुले नगर, मोहम्मदपुर जाट का नाम बदलकर मोहनपुर जाट, खानपुर का नाम बदलकर श्री कृष्णपुर, खानपुर कुरसाली का नाम बदलकर अंबेडकर नगर, इदरीशपुर का नाम बदलकर नंदपुर, अकबरपुर फजलपुर का नाम बदलकर विजयनगर, आसफनगर का नाम बदलकर देव नारायण नगर और सलेमपुर राजपूताना का नाम बदलकर शूरसेन नगर कर दिया गया है.
देहरादून जिले में मियांवाला को अब रामजीवाला, पीरवाला को अब केसरी नगर, चांदपुर खुर्द को अब पृथ्वीराज नगर और अब्दुल्लापुर को अब दक्ष नगर के नाम से बुलाया जाएगा. इसी तरह नैनीताल जिले में नवाबी रोड का नाम बदलकर अटल मार्ग और पनचक्की-आईटीआई मार्ग का नाम बदलकर गुरु गोलवलकर मार्ग हो गया है. उधम सिंह नगर जिले की सुल्तानपुर पट्टी का नया नाम कौशल्यापुरी है.
राज्य के मुख्यमंत्री धामी ने X पर इन जगहों की लिस्ट शेयर करते हुए लिखा,
विभिन्न स्थानों के नाम जनभावना और भारतीय संस्कृति और विरासत के अनुसार बदले जा रहे हैं. इनका नाम भारतीय संस्कृति और इसके संरक्षण में योगदान देने वाले महापुरुषों के नाम पर रखा जा रहा है.
दूसरी तरफ बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर लिखा,
नए नाम जनभावना को दर्शाते हैं और भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को बनाए रखते हैं. इस पहल का मकसद उन महान हस्तियों को सम्मानित करना है जिन्होंने भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने और भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई है.
गौरतलब है कि समय-समय पर कई संगठन सड़कों और शहरों के ब्रिटिशकालीन नाम बदलकर भारतीय संस्कृति पर आधारित नाम रखने की मांग करते आए हैं. इससे पहले उत्तर प्रदेश में कई जगहों का नाम बदला गया था.
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