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'अचानक भीड़ आई, फिर...' नागपुर में जिस DCP पर हुआ कुल्हाड़ी से हमला उन्होंने और क्या बताया

Nagpur Violence: डीसीपी निकेतन कदम ने बताया कि जब उन्होंने आगे बढ़कर भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पहले तो कुछ लोग पीछे हटे लेकिन फिर अचानक उनमें से एक ने उन पर हमला कर दिया. इसकी वजह से उनके हाथ में गहरी चोट आई. लेकिन अच्छी बात रही कि टीम के किसी दूसरे सदस्य को चोट नहीं लगी.

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नागपुर पुलिस के डीसीपी निकेतन कदम. (फोटो- आजतक, पीटीआई)

नागपुर में हुई हिंसा को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि एक सीनियर पुलिस अधिकारी पर भीड़ ने कुल्हाड़ी से हमला किया. ये हमला हुआ था डीसीपी निकेतन कदम पर जो उस समय ग्राउंड ज़ीरो पर थे. हमले में उनके हाथ में गहरी चोट आई. अब DCP निकेतन ने आंखों देखी बयां किया है. उन्होंने बताया कि किस तरह एक ख़ास जगह पर भीड़ ने अचानक हिंसा फैलाई.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीपी कदम ने कहा,

भीड़ में शामिल लोगों की संख्या बहुत ज़्यादा थी. इसके बाद अचानक पथराव शुरू हुआ. भीड़ में शामिल लोगों ने वहां खड़ी गाड़ियों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया. पुलिस के पास कई सीसीटीवी फुटेज हैं जिनमें कुछ असामाजिक तत्व हथियारों के साथ घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि पथराव के दौरान पुलिस के कई अधिकारियों को चोट आई है. उन्होंने आगे कहा,

एक गली से अचानक क़रीब 100 लोगों की भीड़ आती दिखाई दी. उनके पास हथियार, पेट्रोल और लाठियां थीं. मैं वहां पर अपनी टीम के साथ मौजूद था इसलिए मेरी स्वाभाविक प्रतिक्रिया थी कि उन्हें पीछे धकेल दूं वरना वहां कुछ भी हो सकता था.

“कुल्हाड़ी से किया हमला…”

निकेतन ने बताया कि जब उन्होंने आगे बढ़कर भीड़ को रोकने की कोशिश की तो पहले तो कुछ लोग पीछे हटे लेकिन फिर अचानक उनमें से एक ने उन पर हमला कर दिया. इसकी वजह से उनके हाथ में गहरी चोट आई. लेकिन अच्छी बात रही कि टीम के किसी दूसरे सदस्य को चोट नहीं लगी.

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डीसीपी ने साफतौर पर कहा कि किसी भी आरोपी को बख़्शा नहीं जाएगा. सभी की पहचान की जाएगी और उनके ख़िलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ये भी बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे फोन पर बात करके उनका हाल लिया और पूरी नागपुर पुलिस की सराहाना की. उपद्रवियों ने पथराव और आगजनी की.

नागपुर में हिंसा

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में नागपुर हिंसा का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया था. उन्होंने बताया कि सोमवार, 17 मार्च की सुबह साढ़े 11 बजे नागपुर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. ‘औरंगज़ेब की कब्र हटाओ’ के नारे के साथ प्रदर्शनकारियों ने घास-फूस की एक सांकेतिक ‘कब्र’ बनाकर उसे जलाया. सीएम ने आगे बताया कि बाद में ये अफवाह फैली कि जिस प्रतीकात्मक ‘कब्र’ को जलाया गया था, उस पर रखी गई चादर पर धार्मिक चिह्न बना था. इसके बाद वहां भीड़ जमा हो गई, जिसने जमकर नारेबाज़ी की. भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया. पुलिस को स्थिति को कंट्रोल करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. साथ ही इलाके में धारा 144 लगाई लगानी पड़ी.  

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