म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप की वजह से अब तक 1644 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, 3400 से ज़्यादा लोग घायल हैं. बहुतों का अभी पता नहीं चल पाया है. भारत ने भी हर संभव मदद देने की बात कही है. इस बीच, थाईलैंड से आए भारतीयों ने इस भूकंप से जुड़ा अपना अनुभव शेयर किया है (Myanmar Earthquake Eyewitnesses).
'3 मिनट सब हिलता रहा, जमीन फटी...', भारत लौटे लोगों ने सुनाई म्यामांर-थाईलैंड भूकंप की आंखों देखी
Myanmar Earthquake: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, अब तक 1,644 लोग मृत पाए गए हैं और 3,408 अन्य घायल हुए हैं. अन्य अब भी लापता हैं. इस बीच, थाईलैंड से आए भारतीयों ने इस भूकंप से जुड़ा अपना अनुभव शेयर किया है.

थाईलैंड से बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचे भारतीयों ने न्यूज़ एजेंसी PTI से बात की. इस दौरान रोहित दत्ता नाम के शख़्स ने बताया,
ये बहुत ही भयानक अनुभव था. क्योंकि हमें लगा कि हमने अपने ऊपर आसमान और नीचे ज़मीन को हिलते हुए देखा. एक समय तो लगा कि ज़मीन नहीं, सिर हिल रहा हो. जमीं में दरारें पद गईं. हम उस समय दोपहर का खाना खा रहे थे. तभी भूकंप आया. ये इतना जोरदार था कि सब कुछ सामान्य होने में लगभग दो से तीन मिनट लग गए.
प्रत्यक्षदर्शी रोहित ने आगे बताया,
सरकार ने सुरक्षित रहने के लिए इमारतों से ढाई घंटे तक बाहर रहने की सलाह जारी की. इस बीच, आसपास के लोगों ने सुनिश्चित किया कि सभी के लिए पानी और भोजन हो. हमें वहां के लोगों की तारीफ करनी होगी. क्योंकि वो बहुत हेल्पफुल थे.
भारत लौटी एक महिला ने कहा,
ये बहुत ही डरावना अनुभव था. लेकिन वहां के लोगों ने हमारी अच्छी देखभाल की. अब हम सभी सुरक्षित हैं.
इंग्लैंड से थाईलैंड घूमने पहुंचे टूरिस्ट पॉल विंसेंट ने भी अपना अनुभव शेयर किया. उन्होंने कहा कि भूकंप के समय वो सड़क किनारे स्थित बार में थे. पॉल विंसेंट ने स्काई न्यूज़ को बताया,
भूकंप के बाद सभी लोग सड़क पर आ गए. जिससे वहां काफी चीख-पुकार और भगदड़ मच गई. जैसे ही मैं सड़क पर आया, मैंने एक ऊंची इमारत को हिलते हुए और छत पर बने पूल से पानी गिरते हुए देखा. लोग सड़कों पर रो रहे थे. वहां का माहौल असल में भयानक था.
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28 मार्च को आए दो शक्तिशाली भूकंपों ने म्यांमार को काफी नुकसान पहुंचाया. पहले 7.7 तीव्रता का भूकंप आया, फिर इसके कुछ ही मिनटों बाद 6.7 तीव्रता का दूसरा झटका आया. ये म्यांमार में पिछले कई दशकों में आया सबसे बड़ा भूकंप है.
इस विनाशकारी भूकंप के बाद अलग-अलग देशों और संगठनों ने राहत अभियान शुरू किए हैं. भारत ने भी हाइजिन किट्स और फूड पार्सल समेत ज़रूरी मदद ले जाने के लिए C-130 मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भेजा है. इसके अलावा, भारत ने चार अन्य एयरक्रॉफ्ट, 2 नौसेना पोत, एक फ़ील्ड हॉस्पिटल भी भेजा है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि टूटी सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन और मदद पहुंचाने में मुश्किलें आ रही हैं.
वीडियो: दुनियादारी: थाईलैंड, म्यांमार में भूकंप के बाद कैसे हैं हालात?