पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में रविवार, 13 अप्रैल की सुबह अर्धसैनिक बल के जवान सुनसान सड़कों पर गश्त करते दिखे (Paramilitary Forces in Murshidabad). हिंसा प्रभावित इलाक़ों में तबाही का मंजर दिखा. वक्फ एक्ट के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के बाद (Bengal Waqf Protest Violence), BSF ने राज्य पुलिस की मदद के लिए पांच कंपनियां तैनात की हैं.
'पुलिस वाले तक डरे हुए थे, अपने घरों में बैठे थे... ', स्थानीय लोगों ने सुनाई मुर्शिदाबाद हिंसा की कहानी
Murshidabad Violence: मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में पिता-पुत्र समेत अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 138 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इस हिंसा पर शहर के लोगों ने मीडिया को आपबीती सुनाई है. हिंसा के दौरान क्या हाल था? सब बताया है.

बीते दिन 12 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था. हिंसा में पिता-पुत्र समेत अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 138 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
Murshidabad के हालात कैसे हैं?केंद्रीय बलों के जवानों ने 12 अप्रैल को पूरी रात प्रभावित इलाक़ों में गश्त की और पीड़ितों के परिवारों से बात की. पश्चिम बंगाल के DGP राजीव कुमार, सीनियर पुलिस अधिकारियों और भारी पुलिस बल के साथ मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज इलाके में पहुंचे. ये इलाक़ा हिंसा का सबसे बड़ा केंद्र था.
इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कई स्थानीय लोगों ने दावा किया कि 11 अप्रैल को जब तीन घंटे तक हिंसा हुई और पूरे ज़िले में आगजनी और लूटपाट की खबरें आईं, तब पुलिस कहीं नजर नहीं आई. एक स्थानीय निवासी सुजीत घोषाल ने बताया,
मुझे दंगाइयों ने बताया कि ये तो बस ट्रेलर है. असली फ़िल्म तो जल्द ही शुरू होगी. हम रात 11 बजे तक यहां थे. लेकिन प्रशासन की तरफ़ से किसी के आने का कोई संकेत नहीं मिला. यहां तक कि अभी भी कोई मौजूद नहीं है.
आजतक के रिपोर्टर इंद्रजीत कुंडू से बात करते हुए एक स्थानीय महिला ने बताया,
भीड़ में आए लोगों ने मेरे घर में घुसकर तोड़फोड़ की. वो कई सामान चुरा ले गए. घर में उस वक़्त मेरे पति और बेटे नहीं थे. अगर कोई मुझपर हमला कर देता या मेरी बेटियों का रेप कर देता, तो मैं क्या करती. हम छत में छिपे हुए थे.
एक अन्य स्थानीय व्यक्ति की दुकान में तोड़-फोड़ की गई थी. उसने इंडिया टुडे को बताया,
मेरी पत्नी और मेरे बच्चे डरे हुए थे. उन्होंने मुझे बाहर न निकलने के लिए कहा. बेटी बोली- ‘पापा, बाहर मत जाना.’ वहां कोई पुलिस अधिकारी नहीं था. वो भी सब डरे हुए थे. हमारी तरह अपने घरों के अंदर बैठे थे.
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उधर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जब बंगाल में नया वक्फ कानून लागू ही नहीं हो रहा है, तो हिंसा क्यों की जा रही है. ममता ने कुछ राजनीतिक दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का ग़लत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
वहीं, पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं. उन्होंने उत्तर 24 परगना और हुगली में भी केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की है.
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