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26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जाएगा, अमेरिका से बातचीत हुई

लगभग 3 घंटे तक चली मीटिंग में Tahawwur Rana के प्रत्यर्पण पर चर्चा हुई. इस प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार की तैयारियों पर भी चर्चा हुई. साथ ही राणा के जेल में आने के बाद उसकी व्यवस्था पर भी बातचीत की गई.

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26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)

26/11 मुबंई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सकता है. अमेरिका की ओर से कनाडाई-पाकिस्तानी नागरिक तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण कराया जा सकता है. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े महेंद्र सिंह मनराल ने इस मामले को रिपोर्ट किया है. खबर है कि दिसंबर महीने में राणा को प्रत्यर्पित किया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक, इस मामले को लेकर हाल में ही दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में एक बैठक हुई थी. इसमें दोनों देशों की केंद्रीय जांच एजेंसियों और कानूनी विभागों के अधिकारी शामिल हुए. लगभग 3 घंटे तक चली इस मीटिंग में राणा के प्रत्यर्पण पर चर्चा हुई. इस प्रत्यर्पण के लिए भारत सरकार की तैयारियों पर भी चर्चा हुई. साथ ही राणा के जेल में आने के बाद उसकी व्यवस्था पर भी बातचीत की गई.

इससे पहले 23 सितंबर को संयुक्त राज्य अमेरिका की अपील अदालत ने राणा के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था. अदालत ने कहा कि प्रत्यर्पण संधि के तहत आरोपी को भारत को सौंपा जा सकता है. 15 अगस्त को अदालत ने कहा था कि भारत ने मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के इस निष्कर्ष का समर्थन किया है कि तहव्वुर राणा ने अपराध किए हैं. और इसके लिए पर्याप्त सबूत भी हैं.

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तहव्वुर राणा फिलहाल लॉस एंजलिस की जेल में बंद है. शीर्ष अदालत में अपील करने के लिए उसके पास अब भी 45 दिनों का वक्त है. इसके बाद प्रत्यर्पण के लिए 45 दिनों का समय और लग सकता है. ऐसा तभी होगा जब इस अवधि में सुप्रीम कोर्ट राणा के अपील को खारिज कर देगा.

हालांकि, सूत्रों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट को हर साल समीक्षा के लिए 7 हजार से अधिक आवेदन मिलते हैं. और वो इनमें से 100 से 150 मामले ही स्वीकार कर पाते हैं. यानी लगभग 2 प्रतिशत मामले ही स्वीकार होते हैं.

अमेरिका में कई मामलों में राणा पर मुकदमे चले. इसमें मुंबई हमले में आतंकवादी संगठन से जुड़े होने का आरोप भी शामिल था. जूरी ने उसे आतंकी संगठन को मदद पहुंचाने और डेनमार्क में आतंकवादी हमले की साजिश में शामिल होने का दोषी ठहराया था. हालांकि, जूरी ने उसे भारत में आतंकवादी हमले में शामिल होने के आरोप से बरी कर दिया. जिन आरोपों के लिए उसे दोषी ठहराया गया, उसके लिए राणा 7 साल तक जेल में रहा. 

26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकवादियों ने बड़ा हमला किया था. 2011 में NIA ने इस हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए राणा सहित 9 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. 2014 में, दिल्ली की एक सत्र अदालत ने उन लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए थे, जिन्हें NIA ने भगोड़ा घोषित किया है.

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