The Lallantop

इस जुमा सड़क पर नमाज पढ़ी तो पासपोर्ट, लाइसेंस जब्त; मेरठ पुलिस का ये फरमान देखा क्या?

मेरठ पुलिस ने चेतावनी दी है कि सड़क पर नमाज (Namaz On Road) पढ़ने वालों का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लोग मस्जिद या फिर ईदगाह में नमाज पढ़ें. सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए. इस फरमान में और क्या-क्या लिखा है?

post-main-image
सड़क पर नमाज पढ़ने पर पुलिस ने दी चेतावनी

उत्तर प्रदेश की मेरठ पुलिस (Meerut Police) ने ईद (Eid al-Fitr 2025) से पहले सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को चेतावनी दी है. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कहा गया है कि अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ते हुए पाया जाएगा तो उसका पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस दोनों जब्त कर लिए जाएंगे. मेरठ के पुलिस अधीक्षक आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि ईद की नमाज मस्जिदों या फिर ईदगाहों में अदा की जानी चाहिए. किसी को भी सड़कों पर नमाज नहीं पढ़नी चाहिए. 

शुक्रवार, 28 मार्च को रमजान के आखिरी जुमे की नमाज पढ़ी जाएगी. इसे लेकर मेरठ में पुलिस और प्रशासन सतर्क है. मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने कहा कि जिला और थाना दोनों ही स्तरों पर मीटिंग्स की गई हैं. सभी पक्षों के साथ चर्चा कर जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने या अशांति फैलाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 

उन्होंने कहा,

"हम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कड़ी नजर रख रहे हैं. सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश से सख्ती से निपटा जाएगा. सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पीएसी और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है. जिले में फ्लैग मार्च किया जा रहा है. पिछले अनुभवों के आधार पर संवेदनशील इलाकों की पहचान की गई है. वहां स्पेशल व्यवस्था की गई है."

इतना ही नहीं, मेरठ पुलिस ने चेतावनी दी है कि सड़क पर नमाज पढ़ने वालों के पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिए जाएंगे. फिर नए पासपोर्ट के लिए कोर्ट से एनओसी लेना पड़ेगा. पुलिस के इस एलान पर केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सहयोगी जयंत सिंह चौधरी बहुत खुश नहीं हैं. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर यूपी पुलिस को 'ऑर्वेलियन 1984' की ओर बढ़ते हुए बताया है. इससे रिलेटेड एक खबर शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन दिया है- ‘Policing Towards Orwellian 1984!’ 'ऑर्वेलियन 1984' एक ऐसे पॉलिटिकल सिस्टम का संकेत है, जिसमें सरकार लोगों के जीवन के हर हिस्से को कंट्रोल करने की कोशिश करती है. ऐसी व्यवस्था के बारे में जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास '1984' में चर्चा की गई है.

चौधरी ने बताया कि अगर किसी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज हुआ तो उनका पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द हो सकता है. नए पासपोर्ट के लिए कोर्ट से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना जरूरी होगा और कोर्ट से मंजूरी मिलने तक ये डॉक्यूमेंट्स जब्त रहेंगे.

वीडियो: तारीख: राणा सांगा और बाबर के बीच की जंग कैसे शुरू हुई थी?