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मार्क कार्नी बने कनाडा के प्रधानमंत्री, आते ही ट्रंप को दे दिया बड़ा संदेश

Canada PM Mark Carney: जब कनाडा के अमेरिका और भारत समेत कई देशों से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं, मार्क कार्नी ने कनाडा की सत्ता संभाली है. क्या-क्या बोले हैं?

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मार्क कार्नी ने कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. (फ़ोटो - AP)

मार्क कार्नी (Mark Carney) ने कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. ऐसे वक़्त में, जब कनाडा के अमेरिका और भारत समेत कई देशों से रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं, मार्क कार्नी ने कनाडा की सत्ता संभाली है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रुडो (Justin Trudeau) की जगह ली है, जिनके भारत से रिश्ते खट्टे-मीठे रहे.

हालिया महीनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ भी ट्रूडो के रिश्ते ‘झगड़े वाले’ रहे. लेकिन 59 साल के मार्क कार्नी ने स्पष्ट किया है कि उनका नज़रिया अलग होगा. उन्होंने कहा कि वो ट्रंप के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक़ शपथ ग्रहण के बाद मार्क कार्नी ने मीडिया को बताया,

हम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सम्मान करते हैं. उन्होंने कुछ बहुत ज़रूरी मुद्दों को अपने एजेंडे में सबसे ऊपर रखा. हम उनके एजेंडे को समझते हैं. कई मामलों में मेरे अनुभव का एक हिस्सा ट्रंप के अनुभव से मेल खाता है. हम दोनों अपने देशों के बारे में सोच रहे हैं. लेकिन हम दोनों जानते हैं कि हम पारस्परिक समाधान ढूंढ सकते हैं, जो दोनों के लिए फायदेमंद हो.

हालांकि, मार्क कार्नी ने ये भी कहा कि उनकी ट्रंप से तत्काल बात करने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि कनाडा को अपने में (अमेरिका में) मिलाने की ट्रंप प्रशासन की बात ‘क्रेजी’ है. कार्नी ने कहा कि वो अगले हफ़्ते लंदन और पेरिस का दौरा करेंगे.

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कौन हैं मार्क कार्नी?

मार्क कार्नी कनाडा सेंट्रल बैंक के नामी बैंकर रहे हैं. उनका जन्म उत्तर-पश्चिम कनाडा के फोर्ट स्मिथ में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई, कनाडा के ही एडमोंटन से हुई. आगे की पढ़ाई के लिए वो अमेरिका गए. वहां उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की. इसके बाद वे यूके गए, जहां उन्होंने मास्टर्स डिग्री हासिल की. साल 1995 में उन्हें प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डॉक्टरेट की उपाधि मिली.

2008 में पूरे विश्व में आई आर्थिक मंदी के दौरान वो बैंक ऑफ कनाडा के गवर्नर थे. CBS न्यूज़ की एक रिपोर्ट बताती है कि इस दौरान कनाडा को आर्थिक संकट से बाहर लाने में उनका अहम योगदान रहा. कार्नी ने न सिर्फ़ कनाडा में, बल्कि अन्य देशों में भी नाम कमाया. 

2010 में टाइम मैगज़ीन ने उन्हें 'विश्व के 25 सबसे प्रभावशाली लीडर्स' की सूची में जगह दी. 2011 में 'रीडर्स डाइजेस्ट कनाडा' ने उन्हें ‘सबसे भरोसेमंद कनाडियन’ कहा. वहीं, 2012 में 'यूरोमनी मैगज़ीन' के संपादकों ने उन्हें ‘सेंट्रल बैंक गवर्नर ऑफ द ईयर’ से सम्मानित किया.

बाद में, वो साल 2013 में ब्रिटेन चले गए. यहां उन्होंने बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के गवर्नर का पद संभाला. बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के 300 सालों के इतिहास में वो पहले गैर-ब्रिटिश व्यक्ति थे, जिन्होंने ये पद संभाला. मार्क 2020 तक इस पद पर बने रहे.

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