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मणिपुर: 10 महीने की बच्ची की आंखें गायब, पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद राज्य में तनाव, सीएम ने क्या कहा?

Jiribam Kidnapping: लैशराम लमंहनबा नाम के 10 महीने के बच्चे की दोनों आंखें नहीं थीं. और उसका शरीर सड़ने की स्थिति में था, उसके सिर पर काटने के घाव थे और सिर की हड्डी उखड़ी हुई थी. इस रिपोर्ट के बाद पूरे राज्य में तनाव है और हिंसा की आशंका जताई जा रही है.

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अपहरण के बाद मारा गया परिवार. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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बेबी शिरीन

मणिपुर (Manipur) में कुछ दिन पहले एक परिवार के 6 सदस्यों के शव मिले थे. इन शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 महीने के एक बच्चे और एक महिला की आंखें गायब थीं. एक 8 साल की बच्ची के शरीर पर गोलियों के कई निशान थे. आरोप लगाए जा रहे हैं कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में मैतेई परिवार का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी गई. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मणिपुर के लोगों से शांत रहने की अपील की है.

उन्होंने कहा है कि ये मामला जटिल है. इसलिए लोग किसी भी तरह की हिंसा से बचें ताकि स्कूल-कॉलेज खुल सके. उन्होंने आगे कहा,

“केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही बड़े पैमाने पर अभियान चलाने की पहल कर रहे हैं. ये तब तक जारी रहेगा जब तक अपराधी गिरफ्तार नहीं हो जाते.”

सिलचर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (SMCH) के अनुसार, लैशराम लमंहनबा नाम के 10 महीने के बच्चे की दोनों आंखें नहीं थीं. और उसका शरीर सड़ने की स्थिति में था, उसके सिर पर काटने के घाव थे और सिर की हड्डी उखड़ी हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि 17 नवंबर को शवगृह पहुंचने पर बच्चे के शरीर पर टी-शर्ट और बनियान था. इसके बावजूद उसका शरीर सड़ने की स्थिति में था.

इसके अलावा, 8 साल की तेलेन थाजांगनबी नाम की लड़की को गोलियों के कारण गंभीर चोटें आई थीं. और उसके पेट में भी चोटें आई थीं. 31 साल की महिला तेलेम थोइबी को भी गोली लगने से सिर की हड्डियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं और झिल्ली गायब थी. 27 नवंबर को इन जानकारियों को सार्वजनिक किया गया. कुछ दिनों पहले उसी परिवार के बाकी के 3 सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी की गई थी. उनके शव बराक नदी से बरामद किए गए, जो मणिपुर के जिरीबाम जिले से दक्षिण असम के कछार तक बहती है.

परिवार के तीन अन्य सदस्यों की पिछली पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, 3 साल के चिंगखेंगनबा सिंह, एल हेतोनबी देवी (25 साल) और वाई रानी देवी (60 साल) को भी गंभीर चोटें आई थीं. चिंगखेंगनबा सिंह की दाहिनी आंख गायब थी और उसके सिर में गोली लगने से बना घाव था. अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट में उनके हाथ की बांह और शरीर के अन्य हिस्सों पर कटे हुए घाव, छाती में फ्रैक्चर और घाव के निशान भी थे.

रिपोर्ट में सिंह की मां एल हेतोनबी देवी को लगी चोटों के बारे में भी बताया गया है. उनके सीने में 3 और कूल्हे में 1 गोली लगी थी. उनकी मौत के 7 दिन बाद 18 नवंबर को उनके शव को SMCH लाया गया था. बच्चे की दादी वाई रानी देवी को 5 गोलियां लगी थीं, 1 खोपड़ी में, 2 छाती में, 1 पेट में और 1 हाथ में. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत के तीन से पांच दिन बाद 17 नवंबर को उसका शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल लाया गया.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दोनों महिलाओं के शरीर के कई हिस्सों पर गहरे जख्म के निशान पाए गए. एक ही परिवार के और मैतेई समुदाय से संबंधित ये 6 लोग 11 नवंबर को सुरक्षा बलों और कुकी समुदाय के कुछ लोगों के बीच गोलीबारी के बाद जिरीबाम स्थित राहत शिविर से लापता हो गए थे. मुठभेड़ में 10 उग्रवादी मारे गए थे.

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया