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विधायकों-मंत्रियों के घरों पर हमले, इंटरनेट बैन, AFSPA हटाने की मांग, मणिपुर में हिंसा फिर भड़क उठी है

Manipur Unrest: Congress नेता Rahul Gandhi ने PM Narendra Modi से मणिपुर का दौरा करने की मांग की है. वहीं, 7 ज़िलों में 2 दिन के लिए इंटरनेट बंद कर दिया गया है.

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Manipur में भीड़ ने कई विधायकों के घरों पर हमला किया है. (फ़ोटो - PTI)

मणिपुर में हो रही लगातार हिंसा (Manipur Unrest) के बीच इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है (curfew imposed in Imphal). वहीं, सात ज़िलों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. ये हिंसा राज्य की जिरी नदी में तीन शव (2 बच्चे और एक महिला) मिलने के बाद से लगातार बढ़ रही है. लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कर्फ्यू लगाए जाने से पहले कम से कम 5-6 विधायकों और मंत्रियों के घरों को निशाना बनाया है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिह के घर में भी घुसने की कोशिश की गई है. इस बीच मणिपुर सरकार ने केंद्र सरकार से AFSPA क़ानून हटाने की मांग भी की है.

हिंसा की ख़बरों पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने पीएम मोदी से एक बार फिर मणिपुर का दौरा करने और क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में काम करने की मांग की है. राहुल गांधी ने X पर पोस्ट कर लिखा,

मणिपुर में हाल ही में हुई हिंसक झड़पों और लगातार हो रहे खून-खराबे की घटनाएं बेहद परेशान करने वाली हैं. एक साल से ज़्यादा समय के विभाजन और पीड़ा के बाद, हर भारतीय की आशा थी कि केंद्र और राज्य सरकारें सुलह के लिए हर संभव कोशिशें करेंगी और समाधान निकालेंगी.

मंत्रियों, विधायकों के घरों पर हमला

मौजूदा स्थिति को देखते हुए 16 नवंबर की रात को 7 ज़िलों में इंटरनेट बंद किया गया है. इनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थौबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िले शामिल हैं. इससे पहले, 16 नवंबर को दिन में इंफाल घाटी के कई ज़िलों में बड़े पैमाने पर हिंसा की खबरें आईं. जहां भीड़ ने कई विधायकों के घरों पर धावा बोला, उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और आग लगा दी.

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह, मणिपुर सरकार में मंत्री और खुरई इलाक़े के विधायक एल सुसीद्रो, उरीपोक विधायक के रघुमणि सिंह, पटसोई विधायक सपाम कुंजाकेश्वर, थांगमेइबंद विधायक के जॉयकिसन सिंह और केशामथोंग से निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत(जो BJP के क़रीबी हैं). ये उन नेताओं में शामिल हैं, जिनके घरों पर हमले हुए.

3 लोगों के शव मिलने के बाद बढ़ी नाराज़गी

मणिपुर में 15 नवंबर को 2 बच्चों और एक महिला की लाश बरामद हुई. आशंका जताई गई कि ये मैतेई समुदाय के उन 6 लोगों में से हो सकते हैं, जिन्हें कुछ दिनों पहले जिरीबाम के कैंप से अगवा किया गया था. असम पुलिस ने पुष्टि की है कि मणिपुर में बरामद हुई तीनों लाशों को सिलचर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है.

मुठभेड़ के बाद से 6 लोग थे लापता

मणिपुर में 11 नवंबर को सुरक्षाबलों ने एक बड़ी कार्रवाई में 11 हथियारबंद उग्रवादियों को मार गिराया था. बाद में 12 नवंबर को मैतेई समुदाय के दो लोगों के शव मिले थे. जबकि मुठभेड़ के बाद से 6 लोग लापता थे. इन्हीं 6 लोगों के कथित अपहरण और हत्या को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. दूसरी तरफ़, उनका पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. इससे पहले, राज्य सरकार ने पहले ही स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया था.

बता दें, ये उग्रवादी जिरीबाम ज़िले के बोरोबेकरा इलाक़े में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने आए थे. उग्रवादियों ने जिरीबाम के CRPF कैंप पर हमला कर दिया था. इस हमले में CRPF का एक जवान गंभीर रूप से घायल हुआ था. बीते डेढ़ साल से मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है. हाल में हिंसा की कई घटनाएं हुईं, जिससे ये फिर बढ़ता जा रहा है.

AFSPA हटाने की मांग

मणिपुर सरकार ने केंद्र से AFSPA की समीक्षा करने और उसे हटाने की मांग की है. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, एक अधिकारी ने 16 नवंबर की रात इसकी ख़बर दी. बताते चलें, 14 नवंबर को केंद्र ने मणिपुर के जिरीबाम समेत छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि ये फ़ैसला ‘लगातार अस्थिर स्थिति’ के मद्देनजर लिया गया है.

वीडियो: "मणिपुर की पुलिस मैतेई पुलिस..." इस बयान पर विवाद, राज्य की पुलिस ने जवाब दिया