मणिपुर (Manipur) में भाजपा (BJP) अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख असकर अली के घर को आग के हवाले कर दिया गया है. ऐसा कथित रूप से उनके द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 (Waqf Bill) का समर्थन करने के कारण हुआ है. घटना के बाद असकर अली ने मुस्लिम समुदाय से माफ़ी मांगी है. उन्होंने केंद्र सरकार से नए क़ानून को वापस लेने की भी मांग की है.
वक्फ बिल का समर्थन किया था, मणिपुर में BJP नेता के घर में आग लगा दी गई, अब उन्होंने बिल वापस लेने की मांग की है
Manipur BJP minority wing chief’s house torched: थौबल ज़िले के लिलोंग हाओरेइबी संब्रुखोंग में असकर अली के घर पर भीड़ पहुंची. फिर उनके घर में तोड़फोड़ की गई और उसे आग के हवाले कर दिया गया.

दरअसल, असकर अली ने 5 अप्रैल को फेसबुक पर एक पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने वक्फ विधेयक का स्वागत किया और लोगों से इस मुद्दे पर राजनीति न करने की अपील की. इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू, और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को टैग किया.

इसी के बाद यह घटना हुई. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, थौबल ज़िले के लिलोंग हाओरेइबी संब्रुखोंग में असकर अली के घर पर भीड़ पहुंची. रात नौ बजे के आसपास भीड़ ने असकर अली के घर में तोड़फोड़ की और आग लगा दी. मणिपुर फायर सर्विस की टीम जब घटनास्थल पर पहुंची, तो कथित रूप से उन्हें रोकने की भी कोशिश की गई.
इंडिया टुडे से जुड़ीं बेबी शिरीन की ख़बर के मुताबिक़, इस घटना के बाद असकर अली ने सोशल मीडिया पर और वीडियो पोस्ट किया. इसमें उन्होंने अपने रुख के लिए माफी मांगी और सरकार से वक्फ विधेयक को निरस्त करने की मांग की. उन्होंने कहा,
मैंने हाल ही में लोकसभा और राज्यसभा में पारित हुए वक्फ विधेयक का समर्थन करते हुए कुछ पोस्ट साझा किए. मैं पूरे मुस्लिम समुदाय और मैतेई पंगल्स से माफ़ी मांगता हूं. मैं सरकार से मांग करता हूं कि वो जल्द से जल्द इस बिल को निरस्त करे, जिसे कानून में बदल दिया गया है.
इससे पहले, 6 अप्रैल को दिन में इम्फाल घाटी के अलग-अलग हिस्सों में वक्फ विधेयक के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए. रिपोर्टों के मुताबिक, 5,000 से ज़्यादा लोगों ने रैली में भाग लिया. इसके चलते लिलोंग में NH-102 पर कुछ समय के लिए यातायात में भी समस्या उत्पन्न हुई थी.
अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हुई. उन्होंने बताया कि घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.
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Waqf (Amendment) Act, 2025राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी है. उनकी मंजूरी के बाद ये विधेयक अब कानून बन गया. इससे पहले, मैराथन बहस के बाद इस विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिली थी.
लोकसभा में 2 अप्रैल की रात वक्फ बिल पर वोटिंग हुई. बिल को पारित करने के लिए कम से कम 272 वोटों की ज़रूरत थी. निचले सदन में बिल के समर्थन में 288, तो विरोध में 232 वोट पड़े. इसके अलावा, राज्यसभा में भी सरकार ने 3 अप्रैल को देर रात इस बिल को पास करवा लिया. यहां बिल के पक्ष में 128 वोट पड़े और विरोध में 95 वोट.
बता दें, कई नेताओं ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AAP नेता अमानतुल्ला खान शामिल हैं. उनका दावा है कि ये कानून धर्म के पालन के अधिकार, समानता के अधिकार समेत कई संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है.
हालांकि, सरकार ने इस दावे से स्पष्ट रूप से इनकार किया है कि संशोधित कानून ‘मुसलमानों की धार्मिक प्रथाओं में हस्तक्षेप’ करता है. 2 अप्रैल को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि वक्फ एक धर्मार्थ संस्था है. इसका वक्फ (दाता) सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय से ही हो सकता है.
संसद में वोटिंग के दौरान भी ख़ूब हंगामा हुआ. चर्चा में विपक्षी दलों की ओर से कड़ी आपत्तियां जताई गईं. उन्होंने विधेयक को ‘मुस्लिम विरोधी’ और ‘असंवैधानिक’ करार दिया.
बताते चलें, बिल को अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था. लेकिन विरोध के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था.
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