पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ किया कि राज्य में वक्फ (संशोधन) 2025 अधिनियम लागू नहीं किया जाएगा. सीएम ने बंगाल में हुई हिंसा के बाद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए यह बात दोहराई है. इस दौरान सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वह इस कानून का समर्थन नहीं करती हैं. और यह कानून बंगाल में लागू नहीं होगा. उन्होंने लोगों से सवाल करते हुए कहा कि जब यह कानून लागू ही नहीं होगा, तो दंगा किस बात का हो रहा है. हालांकि सीएम बीती 9 अप्रैल को भी कानून न लागू करने की बात स्पष्ट कर चुकी हैं.
'बंगाल में लागू नहीं होगा वक्फ कानून, तो दंगा क्यों?... ' मुर्शिदाबाद हिंसा पर बोलीं ममता बनर्जी
Mamata Banerjee on Waqf Act 2025: ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वक्फ (संशोधन) कानून उन्होंने नहीं बनाया, इसे केंद्र सरकार ने बनाया है, तो इसका जवाब केंद्र सरकार से ही मांगा जाना चाहिए. ममता ने इस दौरान और क्या-क्या कहा?

सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार, 12 अप्रैल को सोशल मीडिया X पर बांग्ला भाषा में पोस्ट कर लिखा,
"सभी धर्मों के लोगों से मेरी विनम्र अपील है कि कृपया शांत रहें, संयमित रहें. धर्म के नाम पर कोई भी गलत हरकत न करें. हर इंसान की जान की कीमत है. राजनीति के लिए दंगे न भड़काएं. जो लोग दंगे भड़का रहे हैं, वे समाज को नुकसान पहुंचा रहे हैं. याद रखें, जिस कानून के खिलाफ लोग भड़के हुए हैं, वह हमने नहीं बनाया. यह कानून केंद्र सरकार ने बनाया है. इसलिए जो जवाब आप चाहते हैं, वह केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए. हमने इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि हम इस कानून का समर्थन नहीं करते. यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं होगा. तो फिर दंगा किस बात का?"
ममता बनर्जी ने दंगा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी देते हुए आगे कहा,
“साथ ही याद रखें, हम दंगे भड़काने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे. हम किसी भी हिंसक गतिविधि का समर्थन नहीं करते. कुछ राजनीतिक दल राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं. उनके बहकावे में न आएं. मेरे हिसाब से धर्म का मतलब मानवता, सद्भावना, सभ्यता और सह-अस्तित्व है. मैं सभी से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करती हूं.”
इससे एक दिन पहले, शुक्रवार 11 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस दौरान निमतिता रेलवे स्टेशन पर इकट्ठा भीड़ ने एक ट्रेन पर पथराव किया और स्टेशन परिसर में तोड़फोड़ की. इस हिंसा में सात से दस पुलिसकर्मी घायल हुए थे. हालात पर काबू पाने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को तैनात किया गया है.
हिंसा की गंभीरता को देखते हुए दो ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. जबकि पांच अन्य ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया. पथराव की वजह से स्टेशन पर मौजूद कुछ यात्री घायल हुए थे. वहीं मुर्शिदाबाद के सुति, धूलियन और अमतला इलाकों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं. प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
इससे पहले बीती 8 अप्रैल को भी मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया था, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को एक मेन रोड को ब्लॉक करने से रोका. इसी दौरान झड़पें हुईं. जिसमें कई गाड़ियां जला दी गईं और पत्थरबाजी हुई.
बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को पिछले हफ्ते संसद के दोनों सदनों से पास किया गया था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह 8 अप्रैल से लागू हो गया है. इस कानून को कई विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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