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कसाब को जिंदा पकड़ने में शहीद हुए तुकाराम ओंबले का स्मारक बनेगा, महाराष्ट्र सरकार का फैसला

महाराष्ट्र सरकार उनके सम्मान में सतारा जिले के मौजे केडंबे गांव में स्मारक का निर्माण करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने कुल 13.46 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

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महाराष्ट्र सरकार ने तुकाराम ओंबले के सम्मान में एक स्मारक बनाने का फैसला लिया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र सरकार ने शहीद पुलिसकर्मी तुकाराम ओंबले के सम्मान में एक स्मारक बनाने का फैसला लिया है. तुकाराम ओंबले 26/11 मुंबई हमले के दौरान शहीद हो गए थे. उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर आतंकवादी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा था. इसके लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया था.

इंडिया टुडे से जुड़े दीपेश त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार उनके सम्मान में सतारा जिले के मौजे केडंबे गांव में स्मारक का निर्माण करने जा रही है. इसके लिए सरकार ने कुल 13.46 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने इस परियोजना की पहली 2.70 करोड़ रुपये की राशि प्रशासन को जारी कर दी है. यह कुल राशि का 20 प्रतिशत है, ताकि स्मारक निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जा सके.

क्या हुआ था?

26 नवंबर 2008 को मुंबई में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमला कर दिया था. इस घटना में 166 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं सैकड़ों लोग घायल हुए थे. इस घटना में पुलिस की गोलाबारी में कई आतंकवादी मारे जा चुके थे. इनमें से दो आतंकवादी अजमल कसाब और अबू इस्माइल कार में बैठकर गोलीबारी कर रहे थे. पुलिस की टीम ने आतंकियों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. और गिरगांव चौपाटी के आसपास बैरिकेड लगाए. जैसे ही दोनों आतंकियों की कार बैरिकेड्स के पास आई. पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें अबू इस्माइल मारा गया.

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रिपोर्ट के मुताबिक पहले अजमल कसाब ने मरने का नाटक किया. जब पुलिस पास गई. तब उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. इस पर तुकाराम ओंबले ने अपनी जान की परवाह किए बिना आतंकवादी की AK-47 बंदूक को पकड़ लिया. इस दौरान आतंकी कसाब लगातार उन पर गोलियां चलाता रहा. लेकिन ओंबले गोली लगने के बावजूद उसकी बंदूक पकड़े रहे. इस बीच अन्य पुलिसकर्मियों ने कसाब को जिंदा पकड़ लिया. गोली लगने की वजह से तुकाराम ओंबले शहीद हो गए थे. उनकी बहादुरी के कारण ही एकमात्र जिंदा आतंकी कसाब पकड़ा गया था. जिससे इस पाकिस्तानी आतंकी गतिविधि का पर्दाफाश हो पाया था.

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