महाराष्ट्र में ठेकेदारों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. उनका आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार ने उनसे काम तो करवा लिया है, लेकिन पैसे नहीं दिए जा रहे हैं. राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर करीब 89,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. ठेकेदारों का दावा है कि राज्य सरकार ने उनके बिल का पेमेंट नहीं किया है. अब परेशान ठेकेदार कोर्ट का रुख कर रहे हैं. ठेकेदारों की रिप्रेजेंटेटिव बॉडी मुंबई, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर की हाई कोर्ट बेंच में याचिका दायर करेगी.
महाराष्ट्र में ठेकेदार के 89,000 करोड़ नहीं दे रही सरकार , परेशान होकर बोले- 'कोर्ट में घसीटेंगे'
ठेकेदारो की रिप्रेजेंटेटिव बॉडी ने Maharashtra सरकार के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का फैसला किया है. 89,000 करोड़ रुपये का बकाया ना देने की वजह से Mumbai, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर की High Court बेंच में याचिका दायर की जाएंगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन और स्टेट इंजीनियर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार, 18 अप्रैल को ठाणे में एक स्टेट-लेवल मीटिंग की थी. इसमें महाराष्ट्र सरकार को हाई कोर्ट में घसीटने का फैसला किया गया. कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के स्टेट प्रेसिडेंट मिलिंद भोसले ने कहा,
ऐसे समय में जब सरकार से हमारा पेंडिंग पेआउट लगभग 89,000 करोड़ रुपये है, राज्य सरकार केवल 4,000 करोड़ रुपये जारी कर रही है.
दोनों एसोसिएशन पिछले साल से अपना बकाया मांग रही हैं. फरवरी में उन्होंने राज्य के टॉप नेताओं को लेटर भी लिखा, जिसमें राज्य में चल रहे सभी इंफ्रास्ट्रक्चर कामों को रोकने की चेतावनी दी गई. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि जुलाई 2024 से अलग-अलग डिपार्टमेंट्स की तरफ से 89,000 रुपये का भुगतान नहीं किया गया. पूरे राज्य में चरणबद्ध तरीके से काम रोकने के बावजूद, ठेकेदारों को अभी तक पैसे नहीं दिए गए हैं.
ठेकेदारों के 89,000 करोड़ रुपये के बकाए में राज्य के लोक निर्माण विभाग (PWD) से 46,000 करोड़ रुपये, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के तहत जल जीवन मिशन से 18,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग से 8,600 करोड़ रुपये, सिंचाई विभाग से 19,700 करोड़ रुपये और DPDC, विधायक निधि और सांसद निधि के तहत किए गए कामों के लिए 1,700 करोड़ रुपये शामिल हैं.
मिलिंद भोसले ने बताया कि मार्च में जारी किए गए 4,000 करोड़ रुपये कुल बकाया का केवल 5 फीसदी थे. ठेकेदारों के लिए इतनी कम रकम में काम जारी रखना नामुमकिन था. भोसले ने कहा,
अगर बिल की रकम का भुगतान नहीं किया जाता है, तो कोई भी ठेकेदार काम नहीं कर पाएगा. इससे साफ तौर पर राज्य में विकास के काम ठप हो जाएंगे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समेत एक भी मंत्री इस बारे में बात करने को तैयार नहीं है. फरवरी में राज्य के PWD मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा था कि उन्होंने ठेकेदारों के लिए जल्द से जल्द 10,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है, जो तब बकाया राशि को लेकर एक हफ्ते से हड़ताल पर थे.
दूसरी तरफ, मिलिंद भोसले ने कहा कि आश्वासनों के बावजूद, पिछले वित्तीय वर्ष में PWD ने केवल 1,500 करोड़ रुपये जारी किए. उन्होंने कहा कि सभी डिपार्टमेंट्स से केवल 4,000 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं. सरकार के पास कोई पैसा नहीं है और मुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ हमारी बैठकों के बावजूद हमें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है.
वीडियो: Raj Thackeray ने ठाकरे परिवार को एक करने पर दिया बयान, तो Uddhav Thackeray ने क्या कहा?