महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने 146 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. पार्टी ने बाहर से आए कई उम्मीदवारों को भी मौका दिया, जिससे कई नेताओं में नाराजगी और बगावत की स्थिति देखी गई. बीजेपी ने अब सहयोगी दलों को कम से कम 16 उम्मीदवार देकर महायुति गठबंधन को प्रमुखता से प्रभावित किया है. इन उम्मीदवारों को शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) का दामन थामने के बाद टिकट मिला है (16 rebel BJP leaders get tickets from Shinde Sena, Ajit Pawar's NCP).
बीजेपी के 16 नेताओं को शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP ने टिकट दिया...ये मजबूरी है या सहयोग?
16 उम्मीदवारों में से 12 भाजपा सदस्य एकनाथ शिंदे की शिवसेना चले गए. जबकि चार को अजित पवार की NCP ने मैदान में उतारा है.
288 सीटों पर होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए टिकट सुरक्षित करने वालों की लिस्ट में अब कई नाम और जुड़ गए हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के जिन उम्मीदवारों को अपनी पसंदीदा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला था, उन्हें एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की NCP ने टिकट दे दिया है. 16 उम्मीदवारों में से 12 भाजपा सदस्य एकनाथ शिंदे की शिवसेना का प्रतिनिधित्व करेंगे. जबकि चार को अजित पवार की NCP ने मैदान में उतारा है.
भाजपा पर निर्भरताये कदम सीटों के बंटवारे पर भाजपा के मजबूत प्रभाव को दर्शाता है. इस बीच कहा ये भी जा रहा है कि शिवसेना और एनसीपी दोनों के पास उम्मीदवारों की कमी है, इस कारण उन्हें भाजपा उम्मीदवारों पर निर्भर होना पड़ रहा है. इस निर्भरता का सबसे बड़ा उदाहरण भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे हैं. नीलेश को शिवसेना (एकनाथ शिंदे) ने टिकट दिया है. वो कुडल-मालवण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.
लिस्ट में भाजपा के एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री की बेटी का नाम शामिल है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे की बेटी संजना जाधव को शिवसेना ने टिकट दिया है. वो कन्नड़ विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर रही हैं. पूर्व भाजपा नेता राजेंद्र गावित पालघर विधानसभा सीट से शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.
लिस्ट में एक सीट है बोईसर. जहां से पूर्व विधायक विलास तारे चुनाव लड़ेंगे. अगर तारे ने इस बार चुनाव जीता, तो वो तीसरी बार इस सीट से विधायक बनेंगे. साल 2009 से 2019 के बीच तारे ने बोईसर सीट पर अविभाजित शिवसेना से चुनाव लड़ा था, और दोनों बार जीते थे.
हाल ही में शिवसेना में शामिल हुए संतोष शेट्टी को भिवंडी ईस्ट सीट से टिकट मिला है. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता मुरजी पटेल को अंधेरी ईस्ट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का मौका मिला है. अजीत पिंगले को शिवसेना ने धाराशिव क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए नामित किया है.
इस चुनाव में राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे और पूर्व भाजपा सांसद सुजय विखे पाटिल को झटका लगा है. वो संगमनेर से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार ये सीट शिवसेना की झोली में गई है. शिंदे गुट ने इस सीट से भाजपा छोड़कर आए अमोल खटल को मैदान में उतारा है.
पार्टी छोड़ो-टिकट पाओ वाली ये रेस मुंबादेवी विधानसभा में भी देखने को मिली. खबरें थीं कि इस सीट से भाजपा शाइना एनसी को अपना उम्मीदवार बनाएगी. उन्होंने कई सालों तक पार्टी में रहकर काम भी किया. पर शाइना को भाजपा से टिकट नहीं मिला. शाइना ने एकनाथ शिंदे गुट का दामन थामा. पार्टी ने उन्हें मुंबादेवी निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है.
छह महीने पहले भाजपा में शामिल हुए दिग्विजय बागल ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला किया. उन्हें करमाला सीट से अब शिवसेना ने अपना उम्मीदवार बनाया है. भाजपा से शिवसेना में जाकर टिकट पाने वालों की लिस्ट में दो नाम और हैं. नेवासा से विट्ठल लांगहे और बालापुर से बलिराम शिरसागर, दोनों को शिवसेना ने मैदान में उतारा है.
उधर, अजित पवार गुट ने पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले, पूर्व सांसद प्रताप पाटिल चिखलिकर और संजयकाका पाटिल के साथ-साथ निशिकांत पाटिल को भी मैदान में है.
डिप्टी सीएम बोले, बागी भी अपनेभाजपा से टिकट न मिलने के बाद उम्मीदवारों में बागी सुर देखे गए थे. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि बागी भी उनके अपने लोग हैं. फडणवीस ने ये भी भरोसा जताया कि पार्टी सबको समझाने में सफल रहेगी. मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा,
"बागी भी हमारे अपने लोग हैं, उन्हें समझाना हमारा कर्तव्य है. कभी-कभी बहुत गुस्सा होता है लेकिन उन्होंने पार्टी के लिए अपनी मानसिकता बनाई है. मुझे विश्वास है कि हम सबको समझाने में सफल होंगे.”
बता दें कि महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए महायुति गठबंधन के सीट बंटवारे के अनुसार, भाजपा 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. वहीं एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. जबकि एनसीपी को 53 सीटें दी गई हैं. बची सात सीटों में से पांच सीटें सहयोगियों के लिए छोड़ी गई हैं, जबकि दो सीटों पर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी.
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