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25 लाख मिलने थे, ढाई लाख मिल रहे... महाकुंभ हादसे के मुआवजे पर 'खेल' चल रहा?

प्रयागराज के महाकुंभ में भगदड़ के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को सरकार ने 25 लाख के मुआवजे का एलान किया था. इनमें से कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें दो महीने बीतने के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है. कई लोगों को मिला भी है तो पूरा नहीं मिला है.

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सांकेतिक तस्वीर

प्रयागराज में इस साल आयोजित हुए महाकुंभ में संगम नोज के पास हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के लिए सरकार ने 25 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया था. दो महीने बीतने के बाद भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें अब तक एक भी पैसा नहीं मिला है. कई लोगों ने बताया है कि उन्हें सिर्फ ढाई लाख रुपये मिले हैं. उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है कि ये पैसे उन्हें किस बात के लिए मिले हैं, क्योंकि मुआवजा तो 25 लाख का घोषित किया गया था. अधिकारी भी इस बारे में साफ-साफ नहीं बता रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट में ऐसे कई परिवारों से बात की गई है, जिनके घर में किसी की मौत भगदड़ के दौरान हुई थी. जौनपुर के विनय राजभर ने बताया, 

हमारी दादी फूलमती देवी की मौत हादसे में हुई थी. हम उनका मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर प्रयागराज गए थे लेकिन अधिकारियों ने हमें कुछ नहीं बताया कि 25 लाख का मुआवजा हमे कैसे मिल सकता है? 

सरस्वती देवी के परिवार को सिर्फ ढाई लाख रुपये मिले हैं. उनकी बहू शांति देवी ने कहा कि हमें नहीं पता, ये पैसे हमें क्यों मिले हैं. जबकि मुआवजा 25 लाख रुपये घोषित किया गया था.

ढाई-ढाई लाख रुपये मिले

रिपोर्ट में बताया गया है कि पश्चिम बंगाल में भी कई लोगों को सिर्फ ढाई लाख रुपये मिले हैं. शर्मला रुइदास के पति बिनोद रुइदास ई-रिक्शा चलाते थे. महाकुंभ की भगदड़ में उनकी मौत हो गई थी. शर्मला ने बताया कि 19 मार्च को प्रशासन के 4 लोग उनके घर आए थे और 2.5 लाख रुपये देकर चले गए. उन्होंने ये नहीं बताया कि बाकी के 22.5 लाख रुपए कब मिलेंगे? इसी इलाके में रहने वाली चमशाली रुइदास ने बताया कि उन्हें भी केवल 2.5 लाख रुपए मिले हैं. उन्होंने दावा किया कि अफसरों ने उनकी सास को बताया था कि बाकी पैसे किश्तों में दिए जाएंगे.

इस बारे में जब इंडियन एक्सप्रेस ने मेला अधिकारी विजय किरण आनंद से बात की तो उन्होंने बताया कि भगदड़ में मरने वाले लोगों के परिवार को मुआवजा भेज दिया है. कुछ परिवारों के साथ समस्या हुई है, जिसका समाधान किया जा रहा है. वहीं, प्रयागराज के जिला मैजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार से जब इस बारे में पूछा गया तो वह कोई जवाब नहीं दे पाए. बता दें कि प्रयागराज के महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या स्नान के मौके पर भगदड़ मच गई थी. आधिकारिक आंकड़ों के हिसाब से इस दौरान 30 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे.

अजय राय ने उठाए सवाल

ईटीवी भारत की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी कांग्रेस के प्रमुख अजय राय ने भी कम मुआवजे को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने योगी सरकार से मांग की है कि वह महाकुंभ में मरने वाले लोगों की लिस्ट जारी करे. उन्होंने झारखंड के सिंहभूम के रहने वाले शिवराज गुप्ता के बारे में बताया, जिनकी मौत महाकुंभ की भगदड़ में हो गई थी. राय ने दावा किया कि गुप्ता का नाम मृतकों की लिस्ट में नहीं था. राज्य सरकार ने उनका मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी नहीं किया था. फिर भी यूपी पुलिस 5 लाख रुपये लेकर उनके घर पर आई थी. शिवराज गुप्ता के बेटे ने पैसे लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि जब मुआवजा 25 लाख रुपये घोषित है तो 5 लाख रुपये क्यों दिए जा रहे हैं.

उन्होंने योगी सरकार के इस रवैये पर सवाल उठाया. राय ने कहा कि यूपी सरकार छिप-छिपकर ये कार्रवाई क्यों कर रही हैं? इस प्रक्रिया से संदेह पैदा होता है और कई सवाल उठते हैं. उन्होंने कहा कि घटना के दो महीने बाद भी सरकार ने न तो मृतकों की सूची जारी की और न लापता लोगों के बारे में कुछ बताया है.

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