The Lallantop

नवजात का गला रेतकर कूड़ेदान में फेंका, डॉक्टर्स ने बचाई जान, पूरा कांड दादी ने किया था

Madhya Pradesh में कुछ लोगों को कूड़ेदान में एक नवजात बच्ची मिली, जिसका गला कटा हुआ था. गहरे घाव होने के बावजूद डॉक्टर उसकी जान बचाने में कामयाब रहे. आरोपी मां और दादी पुलिस की गिरफ्त में हैं.

post-main-image
दादी ने जन्म लेने के तुरंत बाद नवजात का गला रेता. (सांकेतिक: आजतक)

Infant Abandoned in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में एक बेहद खौफनाक वारदात सामने आई है. एक नवजात बच्ची कूड़ेदान में मिली, जिसका गला कटा हुआ था. यह काम किसी और ने नहीं, बल्कि नवजात की दादी ने किया. मामला एक महीने पहले का है. उस समय कूड़ेदान में मिली खून से लथपथ बच्ची को अस्पताल लाया गया था. लंबे इलाज के बाद डॉक्टर्स अब उसकी जान बचाने में कामयाब रहे. नवजात का नाम 'पीहू' रखा गया है. नया जीवन मिलने पर अस्पताल में खुशियां मनाई गईं. पुलिस ने इस मामले में नवजात की मां और दादी को गिरफ्तार किया है.

यह मामला मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले का है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने जानकारी दी कि उसकी दादी ने उसका गला रेता था. इसके बाद दादी ने घायल नवजात को एक कूड़ेदान में फेंक दिया. नवजात के जन्म लेने के तुरंत बाद ही इस घटना को अंजाम दिया गया.

11 जनवरी, 2025 को राजधानी भोपाल से करीब 100 किलोमीटर दूर राजगढ़ जिले में लोगों की नज़र एक कूड़ेदान पर गई. इसमें एक नवजात घायल हालत में थी. उसका गला कटा हुआ था, और लगातार खून बह रहा था. स्थानीय लोगों ने पुलिस को घटना की जानकारी दी. नवजात को पहले जिला अस्पताल लाया गया और फिर बेहतर इलाज के लिए भोपाल भेज दिया गया.

बच्ची का इलाज भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में चला. एक महीने तक नवजात ने ज़िदगी और मौत के बीच जंग लड़ी. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कमला नेहरू अस्पताल के एचओडी डॉ. धीरेंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि नवजात को ठीक होने में एक महीना लगा, वो बहादुरी के साथ लड़ी और ज़िंदगी की जंग जीत गई.

डॉ. श्रीवास्तव ने आगे कहा कि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की इजाज़त के बाद नवजात को राजगढ़ के शेल्टर होम को सौंप दिया गया है. उन्होंने बताया कि बीते कुछ महीनों में यह इस तरह का तीसरा मामला है.

मध्य प्रदेश में नवजातों को लावारिस छोड़ने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले चार साल के रिकॉर्ड की बात करें तो देश में सबसे ज्यादा बच्चे छोड़ने के मामले मध्य प्रदेश में ही सामने आए हैं. इस दौरान राज्य में हर दूसरे दिन कम से कम एक नवजात को लावारिस हालत में छोड़ा गया. इनमें से कई कुत्ते और जंगली जानवरों के खाने से मर गए, जबकि कुछ की अन्य कारणों से मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस ने NCRB की 2022 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा कि मध्य प्रदेश में जन्म के बाद 175 नवजात को छोड़ा गया या झाड़ी में फेंका गया. 174 केस रजिस्टर्ड हुए जो देश में सबसे ज्यादा है.

वीडियो: महाकुंभ की भयानक भीड़ में मां से बिछड़ा बच्चा, सुरक्षाकर्मियों ने ये कर दिल जीता