मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में एक डॉक्टर ने 77 साल के बुजुर्ग को घसीटते हुए पीटा. इस मामले में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश मिश्रा पर बुजुर्ग के साथ बदसलूकी करने का आरोप है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें आरोपी डॉक्टर एक बुजुर्ग के साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
77 साल के बुजुर्ग को घसीटकर बाहर निकालने वाले डॉक्टर पर पता है क्या ऐक्शन हुआ!
Madhya Pradesh में Chhatarpur के जिला अस्पताल में एक डॉक्टर ने एक बुजुर्ग की पिटाई की थी. आरोपी डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा जिला अस्पताल के चीफ हॉस्पिटल सुपरिटेंडेंट (CHS) पर भी गाज गिरी है.

इंडिया टुडे से जुड़े लोकेश चौरसिया और रवीश की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला 17 अप्रैल 2025 का है. बुजुर्ग उधो लाल जोशी अपनी पत्नी के इलाज के लिए छतरपुर जिला अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने ओपीडी क्रमांक 14 में डॉक्टर से जल्दी इलाज की मांग की. इस दौरान कहासुनी हो गई, जिसके बाद डॉक्टर ने कथित तौर पर उनको बाहर घसीटते हुए थप्पड़ मारे.
इस मामले में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश सरकार की तीखी आलोचना की है. मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रेसिडेंट जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा,
75 साल के बुजुर्ग को छतरपुर जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और अस्पताल स्टाफ द्वारा ना सिर्फ लात-घूंसे मारे गए, बल्कि बेरहमी से घसीटकर अस्पताल से बाहर फेंक दिया गया! पत्नी के इलाज के लिए आए बुजुर्ग का कसूर सिर्फ इतना था कि वे लंबी लाइन में लंबे वक्त तक खड़े नहीं हो पा रहे थे, इसीलिए पत्नी का इलाज जल्दी करने की गुहार लगा रहे थे!
उन्होंने आगे लिखा,
मुख्यमंत्री मोहन यादव जी, जो सत्ता वरिष्ठजनों का सम्मान नहीं कर सकती उसे शर्म से डूब जाना चाहिए! जो सरकार स्वास्थ्य की सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे सत्ता से बाहर हो जाना चाहिए!
हालांकि, वीडियो सामने आने के बाद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक (CHS) डॉ. जीएल अहिरवार ने पहले शुरुआती जांच के निर्देश दिए. लेकिन वीडियो में साफ तौर पर आरोपी डॉ. राजेश मिश्रा, बुजुर्ग को पीटते हुए दिखे तो तुरंत सख्ती बरती गई. डॉ. राजेश मिश्रा का कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

वहीं, पीड़ित बुजुर्ग ने पुलिस को भी शिकायत दी है. इसके बाद डॉ. राजेश मिश्रा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ नौगांव थाने में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराओं 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 296 (सार्वजनिक जगह पर अश्लीलता), 3(5) (सामूहिक अपराध) और 351(3) (जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई है.

लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक (CHS) डॉ. जीएल अहिरवार को भी तुरंत सस्पेंड कर दिया है. निलंबन आदेश में कहा गया है कि अधीक्षक होने के बावजूद उन्होंने अधीनस्थ स्टाफ पर नियंत्रण नहीं रखा, जिसके चलते यह घटना घटी.
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