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MP: राहुल गांधी को गुल्लक गिफ्ट करने वाले बच्चों के पैरेंट्स ने की आत्महत्या, ED ने डाली थी रेड

MP Couple Suicide ED Raid: मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष Jitu Patwari मृतकों के परिवार से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने BJP और ED पर कई गंभीर इल्जाम लगाए हैं.

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कांग्रेस कहा कहना है कि दंपत्ति को ED ने टारगेट किया था. (फ़ोटो - X/Congress)

मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले में एक बिज़नेसमैन और उनकी पत्नी की आत्महत्या के बाद, विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ BJP के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि ED ने दोनों को उनके राजनीतिक रुझान को लेकर परेशान किया, क्योंकि वो कांग्रेस पार्टी के समर्थक थे. कपल के बच्चों ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी को अपना गुल्लक गिफ़्ट में दिया था. वहीं, BJP ने कांग्रेस पर ‘मौत पर राजनीति करने’ का आरोप लगाया है.

Congress ने कहा ‘सरकारी हत्या’

पुलिस का कहना है कि मनोज परमार और उनकी पत्नी ने 13 दिसंबर की सुबह आष्टा कस्बे में आत्महत्या कर ली. बाद में मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी उनके परिवार से मिलने गए. उन्होंने मनोज परमार के बेटे से बातचीत भी थी. कांग्रेस ने इस मुलाक़ात का वीडियो भी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट किया. 

इस पोस्ट में बच्चा- BJP, ED के ज़रिए उन्हें अपनी पार्टी में लेना चाहती थी, वीडी शर्मा (MP BJP प्रदेश अध्यक्ष) जी ED पर प्रेशर बना रहे थे और जबकि ED, पापा पर प्रेशर बना रही थी कि बच्चों को BJP में ले आ जाओ, 5 दिसंबर को ED के डिप्टी डायरेक्टर आए थे और कह रहे थे कि तुम BJP के ख़िलाफ़ बोलते हो, उन्होंने कहा था कि बच्चों को BJP जॉइन करा लो बचना है तो- जैसे कई गंभीर आरोप लगा रहा है.

वहीं, बाद में जीतू पटवारी ने भी ख़ुद इसे शेयर किया और लिखा,

स्वतंत्र जांच एजेंसियां अब "चिराग का जिन्न" बन चुकी हैं. आका के आदेश पर ये जिन्न जानलेवा होता जा रहा है. ये आत्महत्या नहीं, बल्कि सरकारी हत्या है.

कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने भी इसी तरह के आरोप लगाए. इन आरोपों पर BJP की भी प्रतिक्रिया आई है. मध्य प्रदेश BJP के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने दंपति की आत्महत्या पर कांग्रेस के आरोपों की आलोचना की है. उन्होंने एक बयान में कहा,

मौत पर राजनीति करना कांग्रेसियों का पुराना गिद्ध चरित्र है. किसी की भी आत्महत्या दुखद होती है, लेकिन कांग्रेसी इसका दुरुपयोग सिर्फ़ अपने निजी हितों के लिए करते हैं. निराधार आरोप लगाने से पहले दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी और कांग्रेसियों को केस हिस्ट्री जान लेनी चाहिए.

वहीं, आष्टा के सब-डिविजनल ऑफ़िसर आकाश अमलकर्म ने बताया कि पुलिस अभी तक आत्महत्या के कारण के बारे में पता नहीं लगा पाई है. जांच जारी है. बता दें, ED ने प्रिवेंशन ऑफ़ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत 5 दिसंबर को मध्य प्रदेश के सीहोर और इंदौर ज़िलों में 4 ठिकानों पर ‘तलाशी अभियान’ चलाया था. इनमें मनोज परमार का घर भी शामिल था.

ED का कहना है कि ऐसे लोगों के घर छापेमारी की गई, जो 'अपराध की आय' का लाभ लेने वाले थे या जिन्होंने बैंक धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों की मदद की थी. ED ने ये भी दावा किया कि 'अपराध को प्रूव करने वाले' डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए हैं. ED के मुताबिक़,

कुछ लोगों के बयान दर्ज किए गए और 3.5 लाख रुपये का बैंक बैलेंस फ्रीज़ किया गया. परमार और PNB के एक सीनियर ब्रांच मैनेजर के ख़िलाफ़ CBI ने FIR दर्ज की थी. इसी आधार पर ED ने जांच शुरू की थी.

ED ने आरोप लगाया है कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम’ और ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ के तहत लगभग 6 करोड़ रुपये का लोन लिया गया. लेकिन फंड को प्रोपराइटरशिप प्रतिष्ठानों या फर्मों में ट्रांसफर कर दिया गया. फिर बाद में संपत्तियों में निवेश के लिए नकद निकाल लिया गया. ED ने कहा कि जांच जारी है.

(न्यूज़ एजेंसी PTI के इनपुट के साथ)

वीडियो: फेसबुक लाइव में आत्महत्या की कोशिश कर रहा था, पुलिस ने ये किया