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महीने की कमाई एक लाख, स्मार्टफोन और पैनकार्ड भी है... लखनऊ के 'भिखारियों' की आमदनी होश उड़ा देगी!

Lucknow में एक सर्वे किया गया. इस सर्वे में 5,312 भिखारी मिले हैं. और जो आंकड़े निकलकर सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- आजतक)

उत्तर प्रदेश की राजधानी और नवाबों के शहर लखनऊ में हुए एक सर्वे से पता चल कमाई के मामले में भिखारी बहुतेरे नौकरीपेशा लोगों से आगे हैं. कई भिखारियों के पास स्मार्टफोन और पैन कार्ड भी मिले.

दरअसल, डूडा (ज़िला नगरीय विकास एजेंसी) और समाज कल्याण विभाग ने एक सर्वे किया. इसमें पता चला है कि लखनऊ में 5,312 भिखारी मिले हैं. रिपोर्ट के मुताबिक़, लखनऊ के लोग रोज़ाना औसतन 63 लाख रुपये भीख के रूप में भिखारियों को देते हैं. छोटे बच्चों को गोद में लेकर भीख मांगने वाली गर्भवती महिलाओं की रोज़ाना औसतन कमाई लगभग 3,000 रुपये तक हो रही है. यानी महीने में औसतन लगभग 90 हज़ार से लेकर 1 लाख तक. भीख से कमाई करने वालों में महिलाएं, पुरुषों से आगे हैं.

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मजबूरी नहीं, पेशा

वहीं, बूढ़े और बच्चे 900 से लेकर डेढ़-दो हज़ार तक कमा रहे हैं. आजतक की ख़बर के मुताबिक़, इस सर्वे के प्रोजेक्ट ऑफ़िसर सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि वो कई दिनों से सर्वे कर रहे हैं. 15 दिन का ये अभियान है. उनका कहना है कि इक्का-दुक्का लोग ही मजबूरी में भीख मांग रहे हैं. इनमें लगभग 90 प्रतिशत पेशेवर भिखारी हैं और हरदोई, बाराबंकी, सीतापुर, उन्नाव और रायबरेली जैसे ज़िलों से आए हैं.

अधिकारी ने बाराबंकी के लखपेड़ाबाग के रहने वाले भिखारी अमन का ज़िक्र किया. जिसके पास स्मार्टफ़ोन, पैनकार्ड से लेकर कई दूसरे सामान हैं. अधिकारी ने बताया कि अब इन लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा. उनके मुताबिक़, योजनाओं का लाभ दिलाने और मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए फ़ॉर्म भरवाए जा रहे हैं, आधार कार्ड लिए जा रहे हैं.

प्रोजेक्ट ऑफ़िसर ने ये भी बताया कि एक महिला भिखारी मिली, जिसके पहले से ही छह बच्चे हैं. वो इन दिनों फिर गर्भवती है. पूछने पर उसने बताया कि गर्भवती होने पर भीख ज़्यादा मिलती है.

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