बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर और गाजियाबाद पुलिस के बीच 20 मार्च को बवाल की खबरें सामने आई थीं. इलाके में राम कथा से पहले कलश यात्रा निकाल रहे विधायक, उनके समर्थक और पुलिस के बीच जबरदस्त धक्का-मुक्की हुई थी. पुलिस का दावा था कि विधायक ने यात्रा के लिए प्रशासन से परमिशन नहीं ली थी. अब मामले को लेकर नंदकिशोर गुर्जर की सफाई सामने आई है. हालांकि सफाई के साथ बीजेपी विधाय ने आरोप लगाया है कि उनकी ‘हत्या की साजिश’ थी, पर वो बच गए.
'मेरी हत्या की साजिश थी', यूपी पुलिस से झड़प के बाद BJP विधायक नंदकिशोर गुर्जर के गंभीर आरोप
20 मार्च को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर इलाके में राम कथा से पहले कलश यात्रा निकाल रहे थे. लेकिन पुलिस ने अनुमति न होने की वजह से यात्रा रोक दी. इसी को लेकर पुलिस और नंदकिशोर के बीच विवाद हुआ.

नंदकिशोर गाजियाबाद के लोनी से विधायक हैं. 20 मार्च को वो इलाके में राम कथा से पहले कलश यात्रा निकाल रहे थे. लेकिन पुलिस ने अनुमति न होने की वजह से यात्रा रोक दी. इसी को लेकर पुलिस और नंदकिशोर के बीच विवाद हुआ. इतना ही नहीं, यात्रा में शामिल लोगों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. घटना के एक दिन बाद 21 मार्च को नंदकिशोर ने सफाई दी,
“मैंने धमकी नहीं दी है… मैंने कहा है कि हमारे सीने होंगे 28 तारीख के बाद, चीफ सेक्रेटरी की मां ने दूध पिलाया है तो गोली चलाएं हमारे ऊपर. हम मरने के लिए आ रहे हैं. इतना बड़ा अन्याय हुआ है, रामचरितमानस को गिराकर खंडित करने की कोशिश की गई. कलश तोड़ दिए. हमारे कपड़े फाड़ दिए. मेरी कॉलर पकड़ ली. क्या हम राम कथा नहीं कर सकते? ये रामराज्य है!”
कलश यात्रा को लेकर पुलिस ने बताया था कि इसके लिए परमिशन नहीं ली गई थी. इस पर लोनी विधायक ने कहा,
“...वो आपके सामने दिखा दी मैंने… कभी परमिशन नहीं ली जाती थी, ये परंपरागत है. पुलिस ने जब मौलवियों से कहा कि वो लिख के दे दें कि कलश यात्रा निकलेगी तो बवाल हो जाएगा. उन्होेंने कहा कि वो ऐसा नहीं करेंगे. उसके बाद कुछ लोगों को भेजकर पथराव कराने की बात कही गई…जिसके बाद वहां दंगा होगा, और विधायक का एनकाउंटर कर देंगे. मेरी हत्या की साजिश थी. मैं बच गया.”
विधायक नंदकिशोर ने आगे कहा कि वो दो बार विधानसभा अध्यक्ष से मिल चुके हैं. लेकिन वो कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. उन्होेंने ये भी कहा कि अध्यक्ष से उन्हें भरोसा है कि वो सभी अधिकार देंगे.
नंदकिशोर से जब ये पूछा गया कि कौन से अधिकारी उनके खिलाफ साजिश कर रहे हैं, तो उन्होंने जवाब दिया,
पुलिस ने क्या कहा था?“चार अधिकारी हैं, पूरे प्रदेश को पता है. वो नीचे से कह रहे हैं लूट के लाओ. हिंदुओं की सरकार चल रही है, हर थाने में ठेकेदार बैठे हैं. गाय काटी जा रही हैं. अगर योगी जी अपने सही रूप में होते तो क्या ऐसा होने देते? क्या बेटियों के रेप होते? मानस का अपमान हुआ है, सारे हिंदुओं से मेरा कहना है कि कोई बवाल न करे…जब समय आएगा तब बताएंगे.”
इंडिया टुडे से जुड़े मयंक गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया था कि उसे 19 मार्च की रात इस यात्रा की जानकारी मिली थी. सुबह जब विधायक से इसको लेकर बातचीत हुई, तब भी पुलिस ने यात्रा को लेकर अनुमति नहीं दी. इसके बावजूद यात्रा निकाली गई. इसी दौरान पुलिस ने डीजे बंद करवा दिया, और यात्रा को रोकने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
उधर, विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यात्रा रोके जाने को लेकर पुलिस पर धार्मिक आयोजन में बाधा डालने का आरोप लगाया. कहा कि पुलिस ने जबरन यात्रा रोकने की कोशिश की, और उनके समर्थकों के साथ बदसलूकी भी की. नंदकिशोर ने पुलिस अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोपी भी लगाए, और खुली चुनौती भी दे दी. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उन्होंने कहा,
“मैं चुनौती देना चाहता हूं इस यूपी पुलिस को... चीफ सेक्रेटरी अगर तेरी मां ने दूध पिलाया है… कमिश्नर तेरी मां ने दूध पिलाया है… तो कथा के बाद गाजियाबाद में कहीं भी तय कर लेना, तेरी गोलियां होंगी और हमारे सीने होंगे. अभी से लेकर 28 तारीख बाद समय चीफ सेक्रेटरी का होगा. योगी जी ने हमसे मना किया था कि बोलना नहीं है. हम चुप थे, पुलिस अन्याय कर रही थी. मेरे कार्यकर्ताओं को नहीं छोड़ा, मैं बोला नहीं. एक कार्यकर्ता को इंस्पेक्टर ने पैसे लेकर छोड़ा, मैं बोला नहीं. हमारी बहन सरिता चौधरी के साथ मारपीट की गई, मैं बोला नहीं..कब तक चुप रहेंगे…”
मामला सामने आने के बाद लोनी एसपी अजय कुमार सिंह ने कहा कि नियमोें का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं विधायक गुर्जर के बयान और पुलिस पर लगे आरोपों को लेकर प्रशासन की ओर से समीक्षा की जा रही है.
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