महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कसे तंज को लेकर कॉमेडियन कुणाल कामरा को समन जारी किया गया है (Eknath Shinde Kunal Kamra). खार पुलिस स्टेशन ने उन्हें 25 मार्च, 2025 की सुबह 11 बजे जांच अधिकारियों के सामने पेश होने को कहा है. इसे लेकर कुणाल के मुंबई स्थित आवास पर नोटिस भेजा गया है. हालांकि, कुणाल अभी मुंबई में मौजूद नहीं है.
कुणाल कामरा को मुंबई पुलिस ने समन भेजा, एकनाथ शिंदे मामले में बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Kunal Kamra summoned by Mumbai police: MIDC पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ FIR दर्ज की थी. जिसे आगे की जांच के लिए खार पुलिस को ट्रांसफ़र कर दिया गया है. इस मामले में अब कुणाल कामरा को समन जारी किया गया है.

सोशल मीडिया पर ऑडियो क्लिप वायरल है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें कुणाल कामरा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के समर्थक के बीच बात हो रही है. इसमें कुणाल को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि 'वो तमिलनाडु में हैं'. न्यूज़ एजेंसी ANI की ख़बर के मुताबिक़, मुबंई पुलिस ने भी पुष्टि की है कि कुणाल अभी मुंबई में नहीं हैं. MIDC पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ FIR दर्ज की थी. जिसे आगे की जांच के लिए खार पुलिस को ट्रांसफ़र कर दिया गया है.
मामला क्या है?ये कार्रवाई कुणाल कामरा के एक हालिया वीडियो ‘
बाद में जब विवाद बढ़ा, तो कुणाल कामरा ने एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा ‘द हैबिटैट स्टूडियो’ में की गई तोड़फोड़ की निंदा की. कामरा ने कहा कि एंटरटेनमेंट वेन्यू सिर्फ़ एक प्लेटफ़ॉर्म है, इसलिए द हैबिटैट का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि उन्होंने वहां क्या बोला था.
कुणाल कामरा ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर ये बातें शेयर कीं. कुणाल ने ये भी साफ़ किया कि हमारे नेताओं और पॉलिटिकल सिस्टम का मजाक उड़ाना, क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि वो इस मामले में पुलिस और कोर्ट के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
ये भी पढ़ें - कुणाल कामरा ने जिस स्टूडियो में किया शिंदे पर कॉमेंट, अब वहां BMC ने की तोड़फोड़
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी कुणाल कामरा के वीडियो पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. लेकिन एक सीमा होनी चाहिए. वहीं, अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा ‘द हैबिटैट स्टूडियो’ में की गई तोड़फोड़ को लेकर उन्होंने कहा कि वह हिंसा को सही नहीं मानते हैं. लेकिन सामने वाले को भी 'एक स्तर' बनाए रखना चाहिए.
उन्होंने बीबीसी हिंदी से
लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. इसमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन इसका अर्थ बदलकर और किसी के कहने पर, किसी को ग़लत कहना सही नहीं है. मेरी बात तो छोड़ दीजिए. उन्होंने पीएम मोदी, भारत के चीफ़ जस्टिस, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कई उद्योपतियों और गृह मंत्री अमित शाह पर क्या-क्या कहा है...
जब एकनाथ शिंदे से शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा ‘द हैबिटैट स्टूडियो’ में की गई तोड़फोड़ को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा,
मैंने तो किसी एक्शन पर रिएक्शन नहीं दिया है. मैं तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करता. लेकिन ये कार्यकर्ताओं की भावना है...
एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘एक्शन का रिएक्शन होता है, लेकिन मैं इसका समर्थन नहीं करता.’
वीडियो: सोशल लिस्ट: कुणाल कामरा-एकनाथ शिंदे विवाद में कॉमेडियन पर बरस रहे हैं पैसे?