बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है. कुणाल कामरा (Kunal Kamra) पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर किए गए 'ग़द्दार' कॉमेंट को लेकर FIR दर्ज कराई गई है. उन्होंने इस FIR को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी.
कुणाल कामरा मामले की सुनवाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट तैयार, वकील ने 'जान के खतरे' की बात कही थी
Kunal Kamra approaches Bombay HC: याचिका में कहा गया है कि कामरा की 'जान को खतरा' है. इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पूछताछ के लिए पेश होने की मंजूरी नहीं दी.

बार एंड बेंच की ख़बर के मुताबिक़, जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस एसएम मोदक की दो जजों की बेंच 8 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगी. सीनियर वकील नवरोज सीरवई ने कामरा की तरफ़ से मामले का उल्लेख किया. उन्होंने कुणाल को दी गई मौत की धमकियों के मद्देनजर 'एक्सट्रीम अर्जेंट' का हवाला दिया.
वकील नवरोज सीरवई ने मामले को तत्काल लिस्ट करने की मांग की थी. उन्होंनेे कहा,
ये बहुत ज़रूरी और चिंता का विषय है... असल में ये मौलिक अधिकारों से जुड़ा है, न कि आपराधिक क़ानून से. याचिकाकर्ता को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. मद्रास हाई कोर्ट ने इन धमकियों का संज्ञान लिया है और आज, 7 अप्रैल तक के लिए अंतरिम ज़मानत दी हुई है.
हालांकि, पीठ ने 7 अप्रैल को लंच के बाद मामले पर सुनवाई करने की मांग को मानने से इनकार कर दिया. लेकिन वो याचिका को 8 अप्रैल को सुनवाई के लिए लिस्ट करने पर सहमत हो गई. इससे पहले, याचिका 21 अप्रैल को सुनवाई के लिए लिस्टेड थी.
कामरा ने ये कदम 2 अप्रैल को मुंबई पुलिस की तरफ़ से भेजे गए तीसरे समन के बाद उठाया है. इस समन में उन्हें 5 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. हालांकि, बाकी दो समनों की तरह, कामरा ने तीसरे समन को भी नजरअंदाज किया. उन्होंने पुलिस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उनके बयान दर्ज करने की मांग की थी.
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मामला क्या है?कुणाल कामरा ने 23 मार्च को अपने यूट्यूब चैनल पर ‘
कामरा पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1)(बी) और 353(2) (सार्वजनिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाले बयान) और 356(2) (मानहानि) के तहत आरोप लगाए गए हैं. इस एफआईआर की जांच खार पुलिस कर रही है.
अब कुणाल कामरा ने जो याचिका दायर की है, उसमें आरोप लगाया गया है कि मुरजी पटेल पर धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. उनके ख़िलाफ़ 'जाति प्रमाण पत्र में हेराफेरी' करने का भी मामला दर्ज है. याचिका में ‘दुर्भावनापूर्ण तरीक़े’ से एफआईआर दर्ज करने पर सवाल उठाया गया है.
इससे पहले, मद्रास हाई कोर्ट ने इस संबंध में कामरा को 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी थी. कामरा ने मद्रास हाई कोर्ट में इस आधार पर याचिका दायर की थी कि वे उत्तरी तमिलनाडु जिले के स्थायी निवासी हैं. वहीं, उन्होंने यह आशंका भी जताई कि यदि वे महाराष्ट्र की यात्रा करते हैं, तो उन्हें ‘तत्काल गिरफ्तार’ कर लिया जाएगा और शारीरिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
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