केरल पुलिस ने त्रिशूर के एक व्यक्ति पर 6,250 रुपये का जुर्माना लगाया है. वैसे कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई धाराओं का उल्लंघन करने की वजह से जुर्माने की कुल रकम ढाई लाख रुपये तक पहुंच गई. बताया गया कि ये कार्रवाई इसलिए हुई, क्योंकि उसने कथित तौर पर अपने कार से एंबुलेंस को आगे जाने के लिए रास्ता नहीं दिया. व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है. इससे जुड़े कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिसमें एक कार सवार व्यक्ति लगातार एंबुलेंस के हॉर्न देने के बाद भी उसे रास्ता नहीं देता दिख रहा है. वीडियो शेयर करते हुए कई यूज़र्स ने इस ‘सख़्त कार्रवाई’ की तारीफ़ की है.
एंबुलेंस को रास्ता नहीं दे रहा था शख्स, हजारों का जुर्माना लगा, लाइसेंस भी कैंसिल
Kerala Police ने कार ड्राइवर का Driving Licence भी रद्द कर दिया है. बताया गया कि एंबुलेंस पोन्नानी शहर से Thrissur Medical College जा रही थी.
घटना 7 नवंबर को चालाकुडी में हुई. बताया गया कि एंबुलेंस पोन्नानी शहर से त्रिशूर मेडिकल कॉलेज जा रही थी. इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, एंबुलेंस दो-लेन वाली सड़क पर इस सिल्वर मारुति सुजुकी सियाज कार का पीछा करती रही. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के मुताबिक़, एंबुलेंस ड्राइवर लगभग 2 मिनट तक हॉर्न बजाता रहा और कार ड्राइवर से रास्ता मांगने की कोशिश करता रहा. लेकिन कार ड्राइवर सामने से हटने का नाम नहीं ले रही थी.
जब मामला केरल पुलिस के संज्ञान में आया, पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और कार ड्राइवर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की. अधिकारियों ने कार के रजिस्ट्रेशन प्लेट के आधार पर उसकी पहचान की. इसके बाद, एंबुलेंस आने पर कार सड़क के किनारे न चलाने, मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसी सशक्त अथॉरिटी के कामों में बाधा डालने और प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUCC) नहीं रखने का आरोप लगाया गया है. इन आरोपों के चलते उस पर जुर्माना लगा है.
बताते चलें, एंबुलेंस को रास्ता न देने पर 6 महीने तक की कैद या 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है या दोनों भी. मोटर वाहन अधिनियम(MV Act) की धारा 194E के तहत ये कार्रवाई होती है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस मामले में 2.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसका कारण, किसी सशक्त अथॉरिटी के कामों में बाधा डालने और प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUCC) नहीं रखना बताया गया.
@coolfunnytshirt नाम के सोशल मीडिया हैंडल से इसका वीडियो शेयर किया गया. इसे लगभग 1 मिलियन यानी 10 लाख देख भी चुके हैं. इस पर कई सोशल मीडिया यूज़र्स की प्रतिक्रिया भी आई है. अक्षय नाम के एक यूज़र ने इसे लेकर लिखा,
ऐसा अमानवीय और स्वार्थी कृत्य ग़ैर-ज़मानती अपराध होना चाहिए. उसे जेल में सड़ना चाहिए.
वहीं, अमित चोपड़ा नाम केे एक यूज़र ने लिखा,
अगर बेवकूफी का कोई चेहरा होता, तो ऐसा होता.
वड्डेपप्ली नाम के एक यूज़र ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को टैग करते हुए अपनी बात रखी है. लिखा,
नितिन जी, क्या आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि ये सड़क सुरक्षा नियमों और कानूनों के हिस्से के रूप में हों कि एंबुलेंस को रास्ता दिया जाए और जो लोग इसे रास्ता नहीं देते हैं, उन्हें दंडित किया जाए. वे दंडनीय हैं.
इस पर आपकी क्या राय है, कॉमेंट बॉक्स में लिखकर ज़रूर बताएं.
वीडियो: एंबुलेंस के लिए पीएम मोदी का काफिला कहां रुक गया?