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नेवी अफसर की मौत से बेखबर थी मां, घर पर क्या तैयारी हो रही थी?

नेवी अफसर विनय और हिमांशी ने 16 अप्रैल को उत्तराखंड के मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग की थी, जिसके बाद करनाल के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शन हुआ. 21 अप्रैल को दोनों हनीमून के लिए कश्मीर रवाना हुए थे.

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लेफ्टिनेंट विनय नारवाल. (तस्वीर : इंडिया टुडे )

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की भी मौत हुई. 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी. उनकी मौत की खबर मिलने के समय तक उनकी मांं शादी की खुशियों में मशगुल थीं और पड़ोसियों को मिठाइयां बांट रही थीं.

टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, विनय के माता-पिता करनाल के सेक्टर-7 में रहते हैं. उनकी मां आशा हाउस वाइफ हैं और पिता राजेश नरवाल GST विभाग में सुपरिंटेंडेंट हैं. वहीं बहन सृष्टि पढ़ाई कर रही हैं. घटना के बाद पड़ोसी नरेश बंसल ने बताया,

"विनय की शादी के बाद पूरा नरवाल परिवार बहुत खुश था. अगला महीना 'माता के जागरण' आयोजित करने की तैयारी में था." 

ये बताते हुए उनकी आवाज रुंध गई.

26 साल के शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल अपनी पत्नी हिमांशी के साथ 21 अप्रैल को हनीमून पर कश्मीर गए थे. उनकी पत्नी हिमांशी Ph.D कर रही हैं. विनय के ससुर सुनील स्वामी हरियाणा एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग में वरिष्ठ अधिकारी हैं. शुरुआत में विनय स्विट्ज़रलैंड जाना चाहते थे, लेकिन वीजा न मिलने के कारण उन्होंने जम्मू-कश्मीर जाने का फैसला किया. विनय के दादा हवा सिंह हरियाणा पुलिस से रिटायर्ड हैं. उन्होंने कहा,

“किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. 6 अप्रैल को गुरुग्राम में विनय की सगाई हुई थी, हमारे परिवार में उत्सव चल रहा था. अगर आतंकियों के पास हथियार न होते, तो मेरा पोता तीन-चार को तो यूं ही गिरा देता. प्रधानमंत्री को पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए.”

विनय और हिमांशी ने 16 अप्रैल को उत्तराखंड के मसूरी में डेस्टिनेशन वेडिंग की थी, जिसके बाद करनाल के एक रिसॉर्ट में रिसेप्शन रिसेप्शन हुआ. 21 अप्रैल को दोनो हनीमून के लिए कश्मीर रवाना हुए थे और 23 अप्रैल को वैष्णो देवी मंदिर जाने का प्लान था. लेकिन 22 अप्रैल की दोपहर पहलगाम में आतंकियों ने हमला कर दिया, जिसमें विनय को छाती, गर्दन और बाएं हाथ में गोली लगी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया.

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भारतीय नौसेना की ट्रेनिंग कमांड, कोच्चि (केरल) में तैनात थे. इससे तीन साल पहले उन्होंने सोनीपत के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौसेना ज्वाइन की थी.

विनय की शहादत की जानकारी सबसे पहले करनाल के मधुबन थाने के SHO और SP ऑफिस के अधिकारियों ने परिवार को दी. हवा सिंह के भाई रघुबीर सिंह ने बताया शहादत की खबर के बाद पूरे गांव भुसाली (करनाल से 10 किमी दूर) में शोक की लहर लेकर आई, जहां हाल ही में विनय की शादी की खुशियां मनाई गई थीं.

विनय के पार्थिव शरीर को श्रीनगर से दिल्ली होते हुए करनाल लाया गया. उनके माता-पिता, पत्नी और बहन ने शव को एयरलिफ्ट कराकर लाया.

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