कर्नाटक (Karnataka) में 11 हजार से ज्यादा किसानों को वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने नोटिस भेजा है. जिसमें 81 फीसदी मुस्लिम शामिल हैं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक विधानसभा में ये जानकारी दी. वक्फ ने 11 हजार 204 किसानों को नोटिस भेजा है. जिसमें केवल 2,080 किसान हिंदू समुदाय से हैं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में एक समिति गठित करेगी. समिति यह आकलन करेगी कि मंदिर और किसानों की खेती की जमीन वक्फ संपत्ति में आती है या नहीं. उन्होंने आगे बताया कि वक्फ बोर्ड किसी भी मंदिर या किसानों की खेती की जा रही जमीन पर दावा नहीं करेगा.
कर्नाटक में वक्फ बोर्ड नहीं करेगा मंदिर और खेतों पर दावा, सीएम सिद्धारमैया का बयान
मुख्यमंत्री Siddaramaiah ने विधानसभा में बताया कि Karnatakaमें वक्फ बोर्ड ने जिन जमीनों पर दावा किया है, उनमें से 81 फीसदी जमीन पर मुसलमानों का कब्जा है. जबकि करीब दो हजार हिन्दुओं की जमीन पर भी दावा किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक सरकार की ओर से जवाब देते हुए राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने बताया,
राज्य में लगभग तीन करोड़ एकड़ कृषि भूमि (खेती करने योग्य जमीन) है. और वक्फ बोर्ड की कुल 20 हजार एकड़ जमीन में से 4500 करोड़ एकड़ जमीन खेती योग्य है. यह कुल खेती योग्य जमीन का केवल 0.006 फीसदी है.
उन्होंने विपक्षी बीजेपी पर यह झूठ फैलाने का आरोप लगाया कि मुसलमान, हिंदुओं की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं. राजस्व मंत्री ने आगे बताया,
देश में आजादी से पहले ही वक्फ नियम लागू थे. 1974 में राज्य के गजट नोटिफिकेशन में वक्फ की कुल भूमि 1.12 लाख एकड़ बताई गई थी. हालांकि बोर्ड के पास वर्तमान में केवल 20,054 एकड़ भूमि है. क्योंकि भूमि राजस्व अधिनियम और इनाम उन्मूलन अधिनियम के लागू होने के बाद जमीन का एक बड़ा हिस्सा किसानों को सौंप दिया गया था.
राजस्व मंत्री की ये प्रतिक्रिया बीजेपी के सवालों पर आई. बीजेपी ने आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान से जवाब देने की मांग की थी. बीजेपी 1974 के नोटिफिकेशन को वापस करने की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट कर गई.
विपक्ष ने दावा किया था कि मंदिरों को अतिक्रमण के नोटिस जारी किए जा रहे हैं. मंत्री ने कहा कि यदि मंदिर वक्फ की जमीन पर पाए गए तो सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस सवाल के जवाब में बताया कि मंदिरों और किसानों को सभी नोटिस वापस लेने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के घोषणापत्र का भी हवाला दिया. जिसमें बीजेपी ने सभी वक्फ भूमि से अतिक्रमण को हटाने का वादा किया था.
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