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कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को मिला आरक्षण, BJP ने 'हलाल बजट' बता दिया

Karnataka Budget: यह आरक्षण (Muslim Reservation) विभिन्न सरकारी विभागों, निगमों और संस्थानों में गुड्स और सर्विस की खरीद पर लागू होगा. CM सिद्दारमैया की सरकार ने बजट में इसके लिए एक नई कैटेगरी 'Category-II B' की घोषणा की है.

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बजट डॉक्यूमेंट्स दिखाते हुए कर्नाटक के CM सिद्धारमैय्या. (PTI)

Karnataka Budget 2025: कर्नाटक विधानसभा में बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने मुस्लिमों के लिए बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण मिलेगा. एक नई कैटेगरी 'Category-II B' के तहत मुस्लिमों को यह फायदा दिया जाएगा. सरकारी विभाग, कॉर्पोरेशन और संस्थान जो सामान या सर्विस खरीदते हैं, उनके सप्लायर्स में 4 फीसदी मुस्लिम होंगे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस घोषणा को तुष्टिकरण बताते हुए कहा कि यह 'हलाल बजट' है.

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, इस तरह का आरक्षण अनुसूचित जाति (SC) 'Category-I', अनुसूचित जनजाति (ST) 'Category-II A' के सप्लायर्स को दिया जाता है. अब मुस्लिम सप्लायर्स को नई श्रेणी 'Category-II B' के तहत आरक्षण मिलेगा. यह पॉलिसी केवल 1 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों पर लागू होगी.

द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक, कर्नाटक सीएम ने अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं.

  • अल्पसंख्यक छात्रों के लिए KEA के ज़रिए प्रोफेशनल कोर्स में 50 फीसदी फीस की छूट का एलान.
  • अल्पसंख्यक छात्रों के लिए नेशनल फॉरेन स्कॉलरशिप की राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की गई.
  • कांग्रेस सरकार ने 2024 में भाजपा द्वारा रद्द की गई अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना को फिर से बहाल किया.
  • कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के ज़रिए अल्पसंख्यक युवाओं को नए स्टार्ट-अप्स शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (KSOU) का एक क्षेत्रीय केंद्र हज भवन में बनायाा जाएगा, जहां अल्पसंख्यक छात्र डिग्री और पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्स कर सकेंगे.
  • 25,000 लड़कियों को डॉयरेक्टरेट ऑफ माइनॉरिटी के 169 आवासीय स्कूल और कॉलेज में सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी.
  • 15 वुमन कॉलेज का निर्माण इस साल वक्फ के खाली प्लॉट में बनाए जाएंगे. अगले साल 16 नए कॉलेजों का उद्घाटन किया जाएगा.
  • मदरसों में धार्मिक शिक्षा के साथ SSLC की तैयारी के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) से फॉर्मल एजुकेशन दी जाएगी.
  • मदरसों में कंप्यूटर, स्मार्ट बोर्ड और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होगा.
  • अल्पसंख्यकों के लिए 62 मोरारजी देसाई आवासीय स्कूलों में कॉमर्स स्ट्रीम शुरू की जाएगी.
  • मुस्लिम कब्रिस्तानों और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के लिए 150 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया.
  • आर्थिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए 50,000 रुपये की मदद दी जाएगी.
  • ईसाई समुदाय के लिए 250 करोड़ रुपये और जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के लिए 100 करोड़ रुपये का आवंटन.
  • गुरुद्वारों के लिए 2 करोड़ रुपये और बौद्ध अध्ययन अकादमी के लिए एक नई योजना बनाई जाएगी.
  • जैन पुजारियों, सिखों के प्रमुख ग्रंथियों और मस्जिदों के इमामों को 6,000 रुपये का मासिक मानदेय दिया जाएगा.

मुस्लिमों को 4 फीसदी आरक्षण मिलने के बाद BJP राज्य सरकार के खिलाफ पूरी तरह हमलावर हो गई है. भाजपा नेता अमित मालवीय ने इस कदम की कड़ी आलोचना की. उनका दावा है कि यह डॉ. बीआर अंबेडकर की सोच के तहत भारतीय संविधान में SC, ST और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को मिले अधिकारों को कमजोर करता है.

मालवीय ने तर्क दिया कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना असंवैधानिक है. इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का कदम इन समुदायों के अधिकारों को कमजोर करने की उनकी बड़ी रणनीति का हिस्सा है.

कर्नाटक भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर 'हलाल बजट' पेश करने का आरोप लगाया है. बीजेपी इस बजट को 'तुष्टिकरण का टॉप लेवल' करार दिया. पार्टी ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें मुस्लिम समुदाय को फायदा पहुंचाने वाले प्रावधानों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है, जबकि SC, ST और OBC जैसे हाशिए के समुदायों की जरूरतों को नजरअंदाज़ किया गया है. भाजपा ने इसे 'घोटाला' करार दिया है और कांग्रेस पर राज्य के संसाधनों के साथ वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

वहीं, कर्नाटक सरकार में मंत्री ज़हीर अहमद खान ने बजट का बचाव किया है. उन्होंने कहा,

“4.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है. यह अल्पसंख्यकों का बजट कैसे है? मुस्लिमों को 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं. मुस्लिम आबादी का 14 फीसदी हैं, लेकिन 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं. आबादी के हिसाब से 14 फीसदी मुस्लिमों के लिए 60,000 करोड़ रुपये दिए जाने चाहिए, लेकिन सिर्फ 4,700 करोड़ रुपये दिए गए हैं. भाजपा को कुछ समझदारी होनी चाहिए. अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए बहुत कुछ दिया गया है.”

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने बजट पेश करते हुए दावा किया कि राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का राजकोषीय घाटे को मेंटेन रखा है.

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