इलाहाबाद हाई कोर्ट में जज की शपथ लेने के बाद भी जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली पुलिस और CRPF की सिक्योरिटी मिलती रहेगी. दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया कि वो जस्टिस वर्मा को सिक्योरिटी देना जारी रखे. दिल्ली हाई कोर्ट में जज रहने के दौरान जस्टिस वर्मा के घर से कथित तौर पर बेहिसाब जला कैश बरामद हुआ था. इसलिए उनके खिलाफ जांच चल रही है.
दिल्ली HC से तबादले के बाद भी जस्टिस यशवंत वर्मा को मिलती रहेगी CRPF सुरक्षा, 'कैश कांड' में चल रही जांच
Justice Yashwant Varma को Delhi High Court से Allahabad High Court भेजा गया है. हालांकि, वे अभी दिल्ली में अपने सरकारी आवास में ही रहेंगे. उनके खिलाफ बेहिसाब नकदी मिलने के आरोप में जांच चल रही है.

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से हटाकर उनके मूल हाई कोर्ट यानी इलाहाबाद हाई कोर्ट में वापस भेज दिया था. हालांकि, जस्टिस वर्मा दिल्ली के सरकारी बंगले में ही रहेंगे. यहां उनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए दिल्ली पुलिस और CRPF की तैनाती को बरकरार रखा गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 अप्रैल को डिप्टी रजिस्ट्रार (प्रोजेक्ट एंड प्लानिंग) एसपी गुप्ता ने जस्टिस वर्मा की सिक्योरिटी के संबंध में दिल्ली पुलिस के पास एक पत्र भेजा था.
इस पत्र में कहा गया,
मुझे आपको यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि ऑनरेबल जस्टिस यशवंत वर्मा, इस कोर्ट के जज, इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादले/वापसी के बाद आधिकारिक बंगला बरकरार रख रहे हैं. जैसा कि माननीय न्यायाधीश ने इच्छा जताई है कि जब तक बंगला बरकरार रहेगा, तब तक उनके आधिकारिक बंगले में CRPF सिक्योरिटी स्टाफ की तैनाती जारी रखी जाए. इसलिए, आपसे अनुरोध है कि इस कोर्ट को जानकारी देते हुए टॉप प्रायोरिटी के तहत जरूरी कार्रवाई करें.
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस अनुरोध पर विचार किया जा रहा है. हालांकि, गृह मंत्रालय की 'येलो बुक' के अनुसार, नियम है कि अगर मौजूदा पद से तबादला होता है, तो उसके एक महीने बाद सुरक्षा वापस ले ली जानी चाहिए.
'येलो बुक' में वीआईपी और वीवीआईपी की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में दिशा-निर्देश दिए गए हैं. बताया जा रहा है कि जस्टिस वर्मा को दिल्ली पुलिस की तरफ से Y कैटेगरी की सिक्योरिटी दी गई है. दिल्ली पुलिस की तरफ से तीन सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए हैं, जबकि CRPF के जवान भी उनके घर पर तैनात हैं.
दरअसल, 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के घर में लगी आग ने विवाद खड़ा कर दिया था. उनके घर से कथित तौर पर जले हुए नोटों की गड्डियां बरामद की गई थीं, जिसका सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हुआ.
20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाई कोर्ट से इलाहाबाद हाई कोर्ट भेजने की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने 28 मार्च को उन्हें वापस भेजने का एलान कर दिया. फिलहाल, जस्टिस वर्मा के घर से नकदी मिलने के मामले में तीन जजों का पैनल जांच कर रहा है.
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