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JNU में छात्रसंघ चुनाव पर लगी रोक, हिंसा और बवाल के बाद इलेक्शन कमेटी ने ये फैसला लिया है

JNUSU Election 2025: इलेक्शन कमेटी का कहना है कि कैंपस में भय, शत्रुता और असुरक्षा का माहौल है. उन्होंने कहा, "जब तक कैंपस में सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर ली जाती, तब तक चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी."

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JNUSU चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है. (फाइल फोटो)

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव (JNUSU Election) पर अगली जानकारी तक के लिए रोक लगा दी गई है. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फाइनल सूची जारी होने में देरी के कारण परिसर में तनाव का माहौल बन गया था. पिछले दो दिनों से कैंपस से हिंसा और तोड़फोड़ की खबरें आ रही थीं. इसी का हवाला देकर चुनाव प्रक्रिया को टाल दिया गया है. इलेक्शन कमेटी का कहना है कि कैंपस में भय, शत्रुता और असुरक्षा का माहौल है.

JNU में क्यों हुआ विवाद?

फाइनल नॉमिनेशन लिस्ट जारी करने और उम्मीदवारी वापस लेने के लिए पहले 16 अप्रैल की तारीख तय हुई थी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में इलेक्शन पैनल ने एक नोटिस जारी किया और इसे 17 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया. इसके बाद कैंपस से दो दिनों तक हिंसा की खबरें आईं. 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने इलेक्शन पैनल पर पक्षपात करने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पैनल जानबूझकर उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट जारी करने में देरी कर रहा है और वामपंथी समूहों के दबाव में आकर नियमों में ढील दे रहा है.

एक-दूसरे पर आरोप लगाए

वहीं दूसरी तरफ स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) ने ABVP पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, 

17 अप्रैल को नामांकन वापसी के दौरान, ABVP के करीब एक दर्जन कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया और छात्रों के साथ दुर्व्यवहार किया. इसके कारण कुछ उम्मीदवार तय समय से पहले नामांकन वापस नहीं ले पाए. 

इस चुनाव के लिए ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISA) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (DSF) का गठबंधन है. इस अलायंस ने भी ABVP पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि ABVP के सदस्य चुनाव आयोग के कार्यलय में घुस गए और अधिकारियों को धमकाया. AISA-DSF ने अपने बयान में कहा,

उन्होंने (ABVP के सदस्य) पत्थर फेंके, खिड़कियां तोड़ीं, बैरिकेड्स तोड़े और चुनाव आयोग के सदस्यों को छत पर खदेड़ा.

AISA-DSF ने विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. हालांकि, ABVP ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है.

फाइनल लिस्ट पर भी लगी रोक

18 अप्रैल को चुनाव समिति ने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया के साथ-साथ अगली सूचना तक के लिए उम्मीदवारी की फाइनल लिस्ट भी रोक दी गई है. उन्होंने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया तभी शुरू होगी जब कैंपस में सुरक्षित माहौल होगा. उन्होंने आगे कहा,

चुनाव आयोग ने प्रशासन से लगातार अनुरोध किया कि पर्याप्त सुरक्षा दिया जाए. लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासन से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. 

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कब होना था चुनाव?

कैंपस में 25 अप्रैल को चुनाव होना था. स्कूल काउंसलर के पदों के लिए 250 नामांकन दाखिल किए गए थे. सेंट्रल पैनल के पदों के लिए 165 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए थे. अध्यक्ष पद के लिए 48, उपाध्यक्ष के लिए 41, महासचिव के लिए 42 और संयुक्त सचिव के 34 लोगों ने पर्चा भरा था. मतदान दो शिफ्टों में होना था - सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक. उसी रात मतगणना शुरू होनी थी. 28 अप्रैल तक नतीजे आने की उम्मीद थी.

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