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JNU में दो छात्रों पर लगा लाखों का जुर्माना, हॉस्टल के कमरे में क्या करने का लगा आरोप?

JNU students fine News: छात्रों को आगाह किया गया कि निर्धारित समय के भीतर जुर्माना अदा करें, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. क्या है पूरा मामला? दोनों पक्षों का क्या कहना है?

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नोटिस में छात्रों को पांच दिनों के भीतर जुर्माना जमा करने को कहा गया है. (फ़ाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के हॉस्टल में रहने वाले दो छात्रों पर कुल 1.79 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. आरोप है कि इन छात्रों ने बाहरी लोगों को अपने कमरों में आने दिया, शराब और हुक्का पिया. ऐसे में नियमों के कथित तौर पर उल्लंघन के चलते छात्रों को दंडित किया गया है. हालांकि, सतलुज हॉस्टल के पूर्व अध्यक्ष ने जुर्माने की आलोचना की और इसे जबरन वसूली बताया है.

8 जनवरी को यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ़ से इस जुर्माने का आधिकारिक नोटिस जारी किया गया. इसमें दोनों छात्रों को 5 दिन के अंदर जुर्माना जमा करने को कहा गया है. एक छात्र पर 80,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसमें 60,000 रुपये बाहरी लोगों की अवैध एंट्री, 2,000 रुपये शराब पीने, 6,000 रुपये इंडक्शन स्टोव और हीटर रखने के लिए और 2,000 रुपये का जुर्माना हुक्का इस्तेमाल करने के लिए लगाया गया है.  इसके अलावा आधिकारिक मामलों में हस्तक्षेप और हॉस्टल के कर्मचारियों को धमकाने के लिए भी 10,000 रुपये का जुर्माना लगा है. नोटिस में छात्र को कहा गया,

आपके कमरे में 12 अज्ञात लोग शराब पीते और आपकी ग़ैर-मौजूदगी में हॉस्टल परिसर में उत्पात मचाते पाए गए. ये व्यवहार हॉस्टल के नियमों का गंभीर उल्लंघन है.

दूसरे छात्र पर 99,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इसमें दो मौकों पर कुछ व्यक्तियों को अवैध एंट्री देने के लिए 85,000 रुपये, शराब पीने के लिए 2,000 रुपये, हुक्का रखने के लिए 2,000 रुपये और आक्रामक रवैये के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. इस दूसरे नोटिस में कहा गया,

22 दिसंबर, 2024 और 5 जनवरी, 2025 को आपके कमरे में कई बाहरी लोग मौजूद थे. यहां शराब पी गई थी. उस समय वार्डन कमेटी और सुरक्षाकर्मियों ने आपका कमरा खोलने की कोशिश की. लेकिन आपने दरवाजा नहीं खोला.

दोनों नोटिसों में छात्रों को आगाह किया गया कि निर्धारित समय के भीतर जुर्माना अदा करें, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. इस कार्रवाई में हॉस्टल से निकाला जाना भी शामिल है. लेकिन सतलुज हॉस्टल के पूर्व अध्यक्ष कुणाल कुमार ने जुर्माने की आलोचना करते हुए इसे जबरन वसूली बताया है. कुणाल कुमार ने आरोप लगाया,

एक यूनिवर्सिटी, जहां सेमेस्टर फ़ीस सिर्फ़ 200 रुपये है, वहां छात्रों पर 1 लाख से 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा रहा है. ये जुर्माना उन लोगों पर लगाया जा रहा है, जो ABVP का समर्थन नहीं करते हैं.

बताते चलें, मामले पर हॉस्टल वार्डन की फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

(न्यूज़ एजेंसी PTI के इनपुट के साथ)

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