झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में स्थित बाल सुधार गृह से 20 से ज्यादा नाबालिगों के फरार होने की खबर है. बताया गया है कि उन्होंने पहले आपस में मारपीट की. जब सुरक्षाकर्मी उन्हें रोकने गए तो उन पर भी हमला कर दिया. आरोप है कि इसके बाद उन्होंने CCTV कैमरे और फर्नीचर भी तोड़ दिए. फिर मुख्य गेट का ताला तोड़कर फरार हो गए.
झारखंड: बाल सुधार गृह का ताला तोड़कर भागे दर्जनों नाबालिग बंदी, सुरक्षाकर्मियों से की मारपीट
1 अप्रैल को पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह में शाम को 4 नाबालिगों के बीच विवाद हुआ. इसके बाद उनमें आपस में जमकर मारपीट शुरू हो गई. इसी दौरान कुछ नाबालिगों ने कथित तौर पर वहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया.

इंडिया टुडे से जुड़े सत्यजीत की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार, 1 अप्रैल को पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित बाल सुधार गृह में शाम को 4 नाबालिगों के बीच विवाद हुआ. इसके बाद उनमें आपस में जमकर मारपीट शुरू हो गई. इसी दौरान कुछ नाबालिगों ने कथित तौर पर वहां सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. उनकी संख्या ज्यादा होने की वजह से पुलिसकर्मी खुद को बचाने का प्रयास करने लगे. इसी मौके का फायदा उठाकर कई नाबालिग सुधार गृह का ताला तोड़ निकल भागे. उन्होंने सुधार गृह में भी खूब तोड़फोड़ की. बताया जा रहा है कि दर्जन भर से अधिक नाबालिग फरार हो गए हैं.
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया. ट्रेनी IPS निखिल राय, SDPO बहामन टुटी, SDO संदीप अनुराग टोपनो, सदर CO उपेंद्र कुमार और मुफ्फसिल थाना प्रभारी रंजीत उरांव समेत कई अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे. सभी ने सुधार गृह का जायजा लिया. इस घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं. इनमें टूटी कुर्सियां, ताला और अन्य सामान नजर आ रहा है.
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खबर लिखे जाने तक फरार नाबालिगों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हुई थी. हालांकि, सूत्रों ने बताया कि 20 से 25 बच्चे भागने में सफल हुए हैं. उनको पकड़ने के लिए पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. आसपास के इलाके में नाकाबंदी कर तलाशी ली जा रही है. इस मामले में अब तक पुलिस प्रशासन का आधिकारिक बयान नहीं आया है.
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने इस घटना को चिंताजनक बताते हुए लिखा,"चाईबासा स्थित संप्रेषण गृह (बाल सुधार गृह) से बड़ी संख्या में बाल बंदियों के फरार होने की चिंताजनक सूचना मिली है."
उन्होंने आगे लिखा कि यह शासन-प्रशासन की भारी विफलता का परिणाम है. सरकार सघन जांच अभियान चलाकर जल्द से जल्द इन्हें वापस सुधार गृह में लाए, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना की स्थिति उत्पन्न न हो.
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