उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुई दुर्घटना में अब तक 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है, जबकि 17 बच्चे घायल हैं. बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी (Jhansi medical college fire). जिससे अफरा-तफरी मच गई और मरीज और उनके परिवार वाले भागने लग गए. इससे भगदड़ की स्थिति भी पैदा हो गई. DM समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारी बचाव कार्य के दौरान मौक़े पर मौजूद रहे. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहत कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए हैं.
Jhansi Hospital Fire: झांसी मेडिकल कॉलेज में आग से 10 नवजात बच्चों की मौत, 37 को निकाला गया, CM ने दिए जांच के आदेश
UP Deputy CM Brajesh Pathak Jhansi पहुंचे हुए हैं. यहां उन्होंने अस्पताल के बाहर मीडिया के साथ बातचीत में घटना की जानकारी दी है. वहीं, CM Yogi Adityanath ने झांसी के डिविजनल कमिशनर और DIG को 12 घंटे के भीतर मामले पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी 16 नवंबर की सुबह अस्पताल का दौरा किया. इसके बाद उन्होंने घटना के बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया,
फरवरी में अस्पताल का फ़ायर सेफ़्टी ऑडिट हुआ था. जून में मॉक ड्रिल हुआ था. फिर भी ये घटना क्यों-कैसे घटी, इसकी जांच की जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद कुछ स्पष्ट बताया जा सकेगा. घटना में लेटेस्ट अपडेट ये है कि 17 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं, 4 प्राइवेट अस्पताल भेजे गए हैं, 5 और बच्चों को अलग-अलग जगहों पर इलाज के लिए भेजा गया है. जिन 10 बच्चों की जान गई, उनमें 7 की पहचान हो गई है. बाक़ी के घरवालों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. हर स्थिति में हम परिजनों के साथ खड़े हैं.
उन्होंने आगे बताया,
तीन स्तर पर मामले की जांच होगी. पहली, हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ़ से. दूसरी जांच पुलिस प्रशासन और ज़िले के स्तर से होगी, जिसमें फ़ायर ब्रिगेड की टीम भी शामिल रहेगी और तीसरी, मैजिस्ट्रेट के स्तर पर होगी. घटना किन कारणों से हुई, इसकी जांच होगी. साथ ही, किसी की लापरवाही पाए जाने पर उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई भी होगी.
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के साथ स्वास्थ्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा भी झांसी पहुंचे. इससे पहले, DM अविनाश कुमार ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि अस्पताल के शिशु वार्ड (Neonatal Intensive Care Unit) में रात क़रीब 10.45 में आग लगी थी. आग लगने का कारण संभवतः शॉर्ट सर्किट हो सकता है, जांच जारी है. इससे पहले, फायर ब्रिगेड की टीम की तरफ़ से कई गाड़ियां मौक़े पर पहुंची. इस दौरान, अस्पताल से 37 बच्चों को बाहर निकाल लिया गया.
पीएम मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है. PMO की तरफ़ से किए गए X पोस्ट के मुताबिक़, उन्होंने कहा कि हादसा मन को व्यथित करने वाला है. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है.
इंडिया टुडे की ख़बर के मुताबिक़, बच्चों के जिस वार्ड में आग लगी थी, वहां 54 मरीज भर्ती थे. न्यूज़ एजेंसी PTI की ख़बर के मुताबिक़, CM योगी ने झांसी के डिवीजनल कमिश्नर और DIG को 12 घंटे के भीतर मामले पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. वहीं, अपने X पोस्ट में योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुःखद बताया. साथ ही, अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने का निर्देश दिया.
SSP सुधा सिंह ने बताया कि घायलों के इलाज के लिए सभी डॉक्टर और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध हैं. सुधा सिंह ने कहा कि ये पता लगाने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है कि किन परिस्थितियों में या किसकी लापरवाही के कारण ऐसा हुआ. वहीं, ऐसी भी ख़बर आई कि घटना के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर भी ले गए हैं.
बताते चलें, महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज ने 1968 में अपनी सेवाएं शुरू की थीं. ये उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है.
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