उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज, जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर नकदी बरामद होने के मुद्दे प्रतिकिया दी है. राज्यसभा के सभापति ने बताया है कि इस मुद्दे चर्चा के लिए उन्होंने आज, 25 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. जगदीप धनखड़ ने इसे एक 'गंभीर' मामला बताया है (Jagdeep Dhankhar on Justice Varma).
जस्टिस यशवंत वर्मा मामले में कुछ बड़ा होने वाला है? उपराष्ट्रपति ने सभी दलों को बुलाया
Jagdeep Dhankhar on Justice Yashwant Varma: जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में बताया कि कल, 24 मार्च को इस मुद्दे पर सदन के नेता और विपक्ष के नेता से उनकी चर्चा हुई थी. इस दौरान ये सुझाव दिया गया कि उन्हें सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए.

शाम 4:30 बजे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई है. जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा में बताया कि कल, 24 मार्च को इस मुद्दे पर सदन के नेता और विपक्ष के नेता से उनकी चर्चा हुई थी. इस दौरान ये सुझाव दिया गया कि उन्हें सभी राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए. धनखड़ ने आगे कहा,
ये मुद्दा निस्संदेह गंभीर है. हम तीनों ने घटनाक्रम पर ध्यान दिया और भारत के चीफ़ जस्टिस की तरफ़ से सब कुछ सार्वजनिक डोमेन में रखने की पहल की भी सराहना की.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का कहना था,
मुझे यकीन है कि हमारी बातचीत बहुत ही सार्थक होगी और हम आगे बढ़ने का रास्ता खोज लेंगे. मैं किसी भी मुद्दे पर फ़ैसला नहीं देना चाहता. लेकिन एक बात जो देश में व्यापक रूप से स्वीकार्य हुई है, वो ये है कि सुप्रीम कोर्ट के पास उपलब्ध पूरा मटेरियल जनता के साथ शेयर किया गया है.
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जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी बंगले में 14 मार्च की रात 11.30 बजे आग लगी थी. जिसके बाद फ़ायर सर्विस की टीम को उनके आवास में भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ. मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कैश मिलने के आरोपों को लेकर जांच शुरू की.
इसके तहत दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस से एक प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी गई. ये रिपोर्ट 21 मार्च को सौंपी गई. इस रिपोर्ट में बताया गया कि चीफ़ जस्टिस उपाध्याय को 15 मार्च की शाम क़रीब 4:50 बजे दिल्ली के पुलिस कमिश्नर ने इसकी ख़बर दी. इसके बाद चीफ़ जस्टिस ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के साथ घटनास्थल का दौरा किया. जहां उन्होंने जस्टिस वर्मा से भी मुलाक़ात की.
इसी दौरे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 25 पेज वाली इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी कर दिया था. इधर, जस्टिस वर्मा ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने ये कैश रखा था. उन्होंने दावा किया कि ये घटना 'उनकी छवि खराब करने की साज़िश' का हिस्सा थी.
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