The Lallantop

ईरान में जिस लड़की ने हिजाब के खिलाफ कपड़े उतारे, उसके सपोर्ट में आई ईरानी नोबेल पुरस्कार विजेता

ईरान की नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने सरकार की आलोचना की है. साथ ही एमनेस्टी इंटरनेशनल के ईरान चैप्टर ने उसकी तत्काल रिहाई की अपील की है.

post-main-image
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से स्क्रीशग्रैब.

ईरान की तेहरान आज़ाद विश्वविद्यालय की जिस प्रदर्शनकारी महिला का वीडियो दुनिया भर में वायरल हुआ और चर्चा का सबब बना, उसे ईरानी सरकार ने मानसिक रूप से बीमार क़रार दिया था. अब इसके लिए ईरान की ही नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने सरकार की आलोचना की है. एबादी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को मानसिक रूप से बीमार क़रार देना विरोध को दबाने के लिए शासन का पुराना तरीक़ा है और इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल विपक्ष को चुप कराने के लिए किया जाता है.

उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में लिखा,

“अगर आज़ाद विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारी छात्रा 'बीमार' थी, तो उसे क्यों गिरफ़्तार किया गया? क्या नागरिकों की चिकित्सा देखभाल के लिए सुरक्षा तंत्र ज़िम्मेदार है?”

बीते शनिवार, 2 नवंबर को ईरान में एक यूनिवर्सिटी छात्रा ने हिजाब के विरोध में अपने कपड़े उतार दिए. इंटरनेट पर उसका वीडियो फैल गया. वह अपने अंडरवियर पहने हुए, ईरान की सड़कों पर घूमती दिख रही है. यूनिवर्सिटी के गार्ड उसे हिरासत में लेने की कोशिश करते दिख रहे हैं. उसे लगातार कार के अंदर बैठाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन लड़की मानती नहीं. वीडियो में फिर दिखता है कि सादे कपड़ों में कुछ लोग उसे कार में डालकर किसी अज्ञात स्थान पर ले जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें - ईरान ने 12 अभिनेत्रियों पर बैन लगा दिया, वजह? हिजाब नहीं करती थीं

महिला की पहचान नहीं हो पाई है. ईरान के बाहर कई समाचार आउटलेट और सोशल मीडिया चैनलों की रिपोर्ट में दावा किया गया कि तेहरान के प्रतिष्ठित इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के अंदर बासिज अर्धसैनिक बल के लोगों ने उसका उत्पीड़न किया था और कथित तौर पर उसका हिजाब और कपड़े फाड़ दिए थे.

आज़ाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक आमिर महज़ॉब ने पब्लिकली कहा कि महिला अपने पति से अलग रहती है, दो बच्चों की मां है और ‘मानसिक तौर पर बीमार’ है. स्थानीय समाचार पत्र फरहिख्तेगन ने भी छापा कि उसे मानसिक स्वास्थ्य सुविधा में भर्ती कराया गया है. लेकिन अब दो दिन बाद भी उसकी कोई ख़बर नहीं है. 

इसके चलते एमनेस्टी इंटरनेशनल के ईरान चैप्टर ने उसकी तत्काल रिहाई की अपील की है. संगठन ने कहा है कि अधिकारियों को उसे यातना और अन्य दुर्व्यवहार से बचाना चाहिए. उसे वकील मुहैया करवाना चाहिए और परिवार को सौंप देना चाहिए. गिरफ़्तारी के दौरान उसके ख़िलाफ़ मारपीट और यौन हिंसा के आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करनी चाहिए. 

यह भी पढ़ें - ईरान की पुलिस फिर से चेक करने लगी हिजाब!

सितंबर, 2022 के बाद से ही ईरान में अलग-अलग तरह से हिजाब के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन हुए हैं. दरअसल, ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने महसा अमीनी नाम की एक ईरानी-कुर्द लड़की को हिजाब के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था. बाद में उस लड़की की मौत हो गई. ईरान पुलिस पर आरोप लगे कि उन्होंने महसा की 'कस्टोडियल हत्या' की है. वहां से ईरान में हिजाब-विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए कि अब तक चले आ रहे हैं.

वीडियो: दुनियादारी: ईरान पर हमला, पूरा कहानी क्या है? इज़रायल से कैसे बदला लेगा ईरान?